राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से लेकर झीरम घाटी कांड में कांग्रेस नेताओं को टारगेट कर उनकी हत्या की गई – ठाकुर
रायपुर.
भाजपा की लाशों पर राजनीति करने की आदत है। 15 साल के रमन सरकार के दौरान नक्सली गतिविधियां बढ़ी थी, आज नक्सली गतिविधियों में 80 प्रतिशत की कमी आई है। नक्सलियों के द्वारा भाजपा के कार्यकर्ता की गई हत्या बहुत दुखद है। भाजपा कार्यकर्ता की हत्या को टारगेट किलिंग बताकर भाजपा ओछी राजनीति कर रही है। टारगेट किलिंग भाजपा नेताओं की संस्कृति है। आजादी के बाद नाथूराम गोडसे ने टारगेट कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या की। रमन सरकार के दौरान परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा हटाकर झीरम घाटी में षड?ंत्रपूर्वक कांग्रेस नेताओं की टारगेट कर हत्या की गई। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जिस दिन हत्या हुई उसी दिन कुछ लोग हत्या की खबर सुनने के बाद नागपुर में मिठाई वितरित कर रहे थे, खुशियां मना रहे थे, देश में कांग्रेस के नेता ही टारगेट किलिंग का शिकार हुए हैं, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, प्रधानमंत्री राजीव गांधी की भी टारगेट किलिंग कर हत्या की गई थी और इन सब का मकसद सिर्फ कांग्रेस के मजबूत नेतृत्वकतार्ओं को खत्म कर राजनीति को कमजोर करना था। कांग्रेस नेताओं की हत्या कर गांधी जी की अहिंसा की विचारधारा को खत्म करने का प्रयास किया गया लेकिन विरोधी लोग असफल रहे।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि 2013 में कांग्रेस पार्टी ने परिवर्तन यात्रा पूरे प्रदेश में निकालकर भ्रष्ट रमन भाजपा की सरकार की पोल खोल रही थी। परिवर्तन यात्रा को व्यापक जनसमर्थन मिल रहा था लेकिन जब परिवर्तन यात्रा बस्तर संभाग में पहुंची तब उसकी सुरक्षा में कटौती कर दिया गया और झीरम घाटी राजनीतिक षड्यंत्र हत्याकांड हुए जिसमें कांग्रेस के प्रथम पंक्ति के नेताओं, कार्यकतार्ओं की शहादत हुई। टारगेट किलिंग तो जीरम में हुई थी जहां पर पहचान-पहचान कर कांग्रेस नेताओं की हत्या हुई। कहां है नंदकुमार पटेल, कहां है दिनेश पटेल, कौन है महेन्द्र कर्मा पूछ-पूछ कर मारा गया था। सुरक्षाकर्मियों की शहादत हुई और उसके बाद हुए विधानसभा के चुनाव में पुन: भाजपा की सरकार बनी। डॉ रमन सिंह मुख्यमंत्री बने और झीरम घाटी कांड की जांच को प्रभावित किया गया, न्याय को बाधित किया गया। पूरा प्रदेश ने देखा है कि कैसे परिवर्तन यात्रा पर हमला हुआ, उसके बाद पुन: भाजपा की सरकार बनी। परिवर्तन यात्रा को पुख्ता सुरक्षा दी जाती तो 2013 में ही प्रदेश से रमन भाजपा सरकार की विदाई तय हो गई थी। जनता में रमन सरकार के खिलाफ भारी आक्रोश था और कांग्रेस के पक्ष में मजबूत माहौल बना था जो परिवर्तन का खुला संदेश दे रहा था।