मुख्यमंत्री ने कहा बेटा, यहां सब अपने लोग हैं और समाप्त हो गई तृप्ति की हिचक
प्रदेश के मुखिया न केवल आम जनता की नब्ज समझते हैं अपितु बच्चों के मनोविज्ञान को भी गहराई से समझते हैं। अपनी बात कहने जब प्रोफेसर जे.एन. पांडे आत्मानंद स्कूल की छात्रा तृप्ति जगत खड़ी हुई। तृप्ति अपनी बात कहने में थोड़ा सा हिचक रही थी। मुख्यमंत्री ने पूरे वात्सल्य से स्नेहपूर्वक कहा, बेटा यहां सब अपने लोग हैं बेझिझक अपनी बात कहो। मुख्यमंत्री की बात को सुनते ही तृप्ति की हिचक पूरी तरह दूर हो गई। उसने बताया कि इस स्कूल में पढ़ाई के अच्छे स्तर को देखते हुए मैंने यहां प्रवेश लिया है। मुझे यहां बहुत अच्छा लग रहा है। उसके बाद मुख्यमंत्री ने छात्रा को शाबासी देते हुए कहा आप कितने अच्छे ढंग से बात रख रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने शाला प्रवेश उत्सव के अवसर पर बच्चों से आज रू-ब-रू हो रहे थे।
मुख्यमंत्री से बच्चों ने भी बेझिझक होकर अपने दिल की बात कहीं। मुख्यमंत्री ने बच्चों से पूछा कि 16 जून के बदले 26 जून को स्कूल खोलने पर कैसा अनुभव कर रहे हैं। सभी बच्चों ने मुख्यमंत्री श्री बघेल को धन्यवाद देते हुए कहा कि 26 जून से स्कूल खुलने से गर्मी और लू से राहत मिली। मुख्यमंत्री ने कहा कि उस समय गर्मी के मौसम और बच्चों के स्वास्थ्य को देखते हुए सरकार ने निर्णय लिया कि स्कूल 26 जून से खोले जाएं। शाला प्रवेश उत्सव शुरू होने से पूर्व ही प्रदेश में बरसात शुरू हो गई। बारिश की फुहारों के साथ ही नए शिक्षा सत्र की शुरूआत हुई।
विद्यार्थी राजेश ने बताया कि हम सबकी पढ़ने में रुचि बढ़ गई है। स्वामी आत्मानंद बीपी पुजारी शाला में पढ़ रही आठवीं की छात्रा सुरभि साहू ने कहा कि स्वामी आत्मानंद स्कूल आरंभ होने से आर्थिक रूप से कमजोर और होनहार बच्चों को भी अच्छी अंग्रेजी शिक्षा का अवसर मिल रहा है। मुख्यमंत्री श्री बघेल के समक्ष स्वामी आत्मानंद राजा तालाब स्कूल कक्षा 8वीं की छात्रा कशिश अंजुम खान ने भी शाला प्रवेश उत्सव के अवसर पर अपनी विचार रखी।