November 27, 2024

विविधता है भारत की ताकत, आलोचना नहीं प्रशंसा में खर्च करें एनर्जी – जॉनी मूर

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वाशिंगटन
 अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा (Barack Obama) ने भारत में मुसलमानों की स्थिति को लेकर सवाल उठाए हैं। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने इंडिया में मुस्लिमों के अधिकारों के बारे में बात की है। इसपर उन्हें तीखी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ रहा है।

अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग के पूर्व आयुक्त जॉनी मूर ने कहा, "मुझे लगता है कि पूर्व राष्ट्रपति (बराक ओबामा) को अपनी ऊर्जा भारत की आलोचना की जगह प्रशंसा में खर्च करनी चाहिए। मानव इतिहास में भारत सबसे विविधतापूर्ण देश है। यह आदर्श देश नहीं है। जिस तरह अमेरिका आदर्श देश नहीं है। यह विविधता ताकत है। हमें विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की प्रशंसा करनी चाहिए। यह वक्त ऐतिहासिक यात्रा (पीएम नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा) का जश्न मनाने का है न कि आलोचना करने का। लोकतंत्र में आप अपने दोस्त की कभी-कभी निजी तौर पर आलोचना करते हैं, लेकिन ऐसा सार्वजनिक रूप से नहीं किया जाता।"

अमेरिका के लिए भी ऐतिहासिक है पीएम मोदी की यात्रा

पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा के बारे में जॉनी मूर ने कहा कि यह भारत ही नहीं अमेरिका के लिए भी ऐतिहासिक है। लोकतंत्र अस्त-व्यस्त हैं। यह लोकतंत्र की ताकत है। यह हमारी विविधता के आधार में है। भारत एक अविश्वसनीय रूप से बहुलवादी देश है। यह एक ऐसा देश है जो हर चुनाव में अपने लोकतंत्र के लिए लड़ता है। भारत में अच्छी तरह से लोकतंत्र जीवित है।

बराक ओबामा ने दिया था यह बयान

गौरतलब है कि बराक ओबामा ने गुरुवार को सीएनएन पर इंटरव्यू दिया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि यदि भारत जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करता है तो इस बात की प्रबल संभावना है कि किसी बिंदु पर देश अलग होना शुरू हो जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने 21-23 जून तक अमेरिका की यात्रा की है।

 

बराक ओबामा के बयान पर भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने करारा जवाब दिया है। सीतारमण ने कहा, "…यह आश्चर्यजनक था कि जब पीएम अमेरिका के दौरे पर थे तो एक पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति (बराक ओबामा) भारतीय मुसलमानों पर बयान दे रहे थे। मैं सावधानी के साथ बोल रही हूं, हम उनके (अमेरिका)साथ अच्छी दोस्ती चाहते हैं, लेकिन वहां से भारत की धार्मिक सहिष्णुता पर टिप्पणियां आती हैं। शायद उनके (ओबामा) कारण 6 मुस्लिम बहुल देशों पर बमबारी की गई। 26,000 से अधिक बम गिराए गए।"

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