एकनाथ शिंदे को जंग में जीते पर समझौते में मिलेगी हार! भाजपा के पास होंगे अहम मंत्रालय, बागियों को पुराने विभाग
मुंबई
एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के मुकाबले सियासी जंग में भले ही जीत हासिल कर ली है, लेकिन भाजपा से वह समझौते में हारते दिख रहे हैं। मंगलवार को महाराष्ट्र का कैबिनेट विस्तार हुआ था और 18 नेताओं को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। इनमें से 9 मंत्री भाजपा के हैं तो वहीं इतने ही मंत्री एकनाथ शिंदे खेमे के होंगे। अब तक इन मंत्रियों को विभागों को बंटवारा नहीं हुआ है, जिसे जानने के लिए हर कोई उत्सुक है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने ज्यादातर अहम मंत्रालयों को अपने पास ही रखा है। कहा जा रहा है कि एकनाथ शिंदे समर्थक विधायकों को वही मंत्रालय मिलेंगे, जो वह उद्धव ठाकरे की सरकार में संभाल रहे थे। इसके अलावा अहम मंत्रालय भाजपा के सीनियर नेताओं के हाथ जा सकते हैं।
सूत्रों का कहना है कि एकनाथ शिंदे को सीएम का पद देने के बाद भाजपा अब मंत्रालयों में अपना दावा मजबूत रखना चाहती है। इसी के तहत देवेंद्र फडणवीस को वित्त और गृह मंत्रालय दिए जाने की तैयारी है। इस तरह भले ही देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम हैं, लेकिन होम मिनिस्ट्री के जरिए वही प्रदेश की व्यवस्था संभालेंगे। इसके अलावा वित्त मंत्रालय भी अपने पास रखेंगे। इसके अलावा राजस्व, जल संसाधन, ग्रामीण विकास और लोक निर्माण विभाग भाजपा के शीर्ष नेताओं के पास जाएंगे। वहीं एकनाथ शिंदे के पास शहरी विकास मंत्रालय, पीडब्ल्यूडी विभाग बने रहेंगे। उद्धव सरकार में भी उनके पास यही जिम्मेदारी थी।
शिंदे कैबिनेट में शामिल 18 विधायकों में 17 पहले भी रह रहे हैं मंत्री
एकनाथ शिंदे के करीबी विधायक उदय सामंत को उद्योग के साथ-साथ उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्रालय मिल सकता है। कहा जा रहा है कि एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों को उतना फायदा नहीं हुआ, जितना शिवसेना से बगावत पर होना चाहिए था। हालांकि एक सच यह भी है कि एकनाथ शिंदे को सीएम का पद 40 विधायकों पर ही मिला है और भाजपा उसके बदले में अहम मंत्रालय लेना चाहती है। शिंदे समूह के विधायकों को पुराने विभागों में ही रहना होगा। केवल अब्दुल सत्तार और शंभूराज देसाई को राज्य मंत्री के पद से कैबिनेट मंत्री के पद पर पदोन्नत किया गया, जो शिंदे गुट के लिए बड़ा फायदा है।
एकनाथ शिंदे गुट को मिल सकते हैं ये मंत्रालय
एकनाथ शिंदे गुट के खाते में शहरी विकास, सामान्य प्रशासन, कानून और न्याय, लोक निर्माण (उपक्रम), कृषि, उद्योग, परिवहन, मराठी भाषा विकास जैसे मंत्रालय जा सकते हैं। इसके अलावा वन और पर्यावरण, पर्यटन, जल आपूर्ति और स्वच्छता, वानिकी, बागवानी, जल संरक्षण, उच्च और तकनीकी शिक्षा जैसे विभाग भी शिंदे समर्थक विधायकों को मिलेंगे।
गृह और वित्त के अलावा ये विभाग भी होंगे भाजपा के पास
भाजपा को वह विभाग मिलने की उम्मीद है, जो सबसे अहम होंगे और प्रदेश की व्यवस्था संभालने के लिए जरूरी हैं। खुद फडणवीस को गृह और वित्त मिलने की चर्चा है। इसके अलावा राजस्व, ग्रामीण विकास, बिजली, जल संसाधन, आवास, स्कूली शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा जैसे अहम मंत्रालय भी भाजपा के नेताओं को मिलेंगे।