सरकार कंट्रोवर्सी से बचने महाकाल लोक,सतपुड़ा जैसे मुद्दों पर, मंत्री के अनुमोदन के बाद ही विभाग जवाब देगा
भोपाल
सतपुड़ा अग्निकांड, महाकाल लोक और मास्टर प्लान से जुड़े संवेदनशील सवालों के जवाब अब विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद ही विभाग को भेजे जाएंगे। इस तरह के सवालों को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस सरकार को घेरने की तैयारी में है इसलिए अब सरकार इस मामले में फंूक फंूक कर कदम रख रही है। इसलिए हर सवाल का संतुलित जवाब विधानसभा में आएगा जिससे किसी तरह की कंट्रोवर्सी न हो, मंत्री खुद इनका अनुमोदन कर इन्हें अंतिम रुप देंगे।
नगरीय प्रशासन विभाग से जुड़ मामलों को लेकर विधानसभा के मानसून सत्र में कांग्रेस विधायकों ने कई सवाल लगाए है। अलग-अलग विधायकों द्वारा लगाए गए सवालों को लेकर कोई अलग-अलग जानकारियां विधानसभा में उत्तर के रुप में न चली जाए। इससे किसी तरह की कंट्रोवर्सी न हो जाए। इसलिए जुलाई 2023 में होने वाले सत्रके लिए लोक महत्व के सभी संवेदनशील सवालों के उत्तर नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्रसिंह के पास पहले भेजे जाएंगे। वे इन्हें देखने के बाद इनके उत्तर का अनुमोदन करेंगे तभी ये जवाब विभागों और विधानसभा को भेजे जाएंगे। सतपुड़ा भवन में अग्निकांड में करोड़ों का नुकसान हुआ है। इसमें काफी महत्वपूर्ण दस्तावेज, जानकारियां अग्निकांड में स्वाहा हो गई है। अग्निशमन यंत्रों के पहुंचने में देरी, काफी देर में आग बुझाने,सतपुड़ा विंध्याचल जैसे बड़े शासकीय भवनों की सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े हुए है।
महाकाल लोक में आंधी-तूफान और बारिश से सप्तऋषियों की मूर्तियां क्षतिग्रस्त होंने पर भी विपक्षी दल पहले से ही सरकार पर निशाना साध रहा है। नए मास्टर प्लान और लाड़ली बहना योजना से जुड़े कई संवेदनशील सवाल इस बार विधानसभा में आए है। इनको लेकर कर्मचारी और अधिकारी स्तर पर कोई ऐसा जवाब न विधानसभा तक पहुंच जाए जिसको लेकर सदन में फिर हंगामा हो इसलिए अब नगरीय प्रशासन मंत्री ही इन सभी सवालों को खुद देखेंगे और उनके अनुमोदन के बाद ही जवाब आगे जाएंगे। पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे।
कार्येत्तर अनुमोदन पर रोक
विधानसभा के सवाल सचिवालय से आनलाईन विभागों को भेजे जाते है कई बार अंतिम दिन एन वक्त पर भी कुछ सवाल आते है। इनके जवाब समयसीमा में भेजने में काफी कम समय होता है। इसके चलते गलतियां हो जाती है। विभागीय मंत्री के कार्येत्तर अनुमोदन की प्रत्याशा में इनके जवाब भेज दिए जाते है। चूंकि जवाब आॅनलाइन भी भेजे जाते हैं।
इसलिए कहीं किसी प्रकार की कमी न रह जाए। सवालों के पूर्व में भेजे गए जवाबों से समान रूप के सवाल में जवाब भिन्न न हो, जवाब ऐसा हो जो सरकार का बचाव करता हुआ तैयार किया जाए। जो जानकारी पूछी हो वहीं दी जाए। जरूरत से ज्यादा जानकारी न दी जाए। इन सबका ध्यान इस बार रखा जा रहा है। इसलिए कार्येत्तर अनुमोदन की प्रक्रिया को पूरी तरह रोक दिया गया है। सत्र के लिए सभी सवालों के जवाब तीन जुलाई तक विभाग को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराए जाने हंै।
प्रदेश में विधानसभा चुनाव के छह माह शेष और नई भर्तियों की तैयारी
इस विधानसभा के साढ़े चार साल पूरे हो गए है। केवल छह माह बाकी है। आखिरी समय में आनन-फानन में रिक्त पदों को भरने की तैयारी है। पिछले बार जब विज्ञापन निकला था तब उसमें दिव्यांग और ईडब्ल्यूएस आरक्षण सहित कुछ अन्य कमियों के चलते शिकायतें हुई थी। न्यायालय में भी कुछ लोग चले गए थे इसके चलते पिछले बार जारी भर्ती विज्ञापन निरस्त कर दिया गया था।
अब चुनावी साल में फिर एन वक्त पर भर्तियां करने की तैयारी है। जिन 21 रिक्त पदों के लिए आवेदन बुलाए गए है उनमें अनारक्षित पुरुष और महिला वर्ग के लिए एक भी पद नहीं रखा गया है। ईडब्ल्यूएस कोटे से जरुर शीघ्रलेखक, सहायक ग्रेड तीन, समिति सहायक और स्टेनो टाईपिस्ट के कुल सात पद रखे गए है। इसके अलावा शेष पद अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी के लिए रखे गए है। इसमें समिति सहायक, सुपरवाईजर विश्रामगृह के पदों पर भी भर्तियां की जा रही है।