September 23, 2024

पूजा-पाठ करते समय घी का दीपक जलाएं या तेल का, जाने महत्वपूर्ण नियम

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सनातन धर्म में पूजा पाठ के दौरान दीपक जलाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. जिसका पालन आज भी किया जा रहा है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, घर में दीपक जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ जाता है. नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और वास्तु दोष भी समाप्त हो जाता है. अक्सर आपने देखा होगा दीपक जलाते समय घी और कई तरह के तेल का उपयोग किया जाता है. इन के मायने अलग-अलग होते हैं और इनसे मिलने वाला लाभ भी अलग-अलग कामों के लिए होता है. शिव पुराण में बताया गया है कि घर में घी का दीपक जलाना सुख-समृद्धि लाता है. वहीं वास्तु शास्त्र में भी दीपक का विशेष महत्व बताया गया है.

दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, हिंदू देवी-देवताओं को रोशनी अति प्रिय है. यही कारण है कि उनकी पूजा पाठ में दीपक जलाया जाता है. वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि यदि आप घर में नियमित रूप से दीप प्रज्वलित करते हैं तो घर में फैली नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ जाता है.

किस दिशा में रखें दीपक?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूजा करते समय यदि आप घी का दीप प्रज्वलित कर रहे हैं तो इसे हमेशा अपने बाएं हाथ की तरफ जलाना चाहिए. वहीं यदि आप तेल का दीपक भगवान के समक्ष लगा रहे हैं तो इसे अपने दाएं हाथ की तरफ रखना चाहिए. दीपक को हमेशा भगवान के सामने ही प्रज्वलित करना चाहिए. इस बात का विशेष ध्यान रखें कि कभी भी जलता दिया बीच में ही ना बुझ पाए.

घी या तेल के दीपक का महत्व?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यदि आपकी कोई मनोकामना अधूरी है तो इसके लिए तेल का दीपक जलाया जाता है. वहीं घी का दीपक हमेशा देवी-देवताओं की पूजा में समर्पित किया जाता है.

कब जलाएं घी और तेल का दीपक

  •     ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि अगर देवी मां को प्रसन्न करना चाहते हैं तो घी का दीपक जला सकते हैं. इससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है.
  •     वहीं यदि आप शनि की कुदृष्टि, साढ़ेसाती या ढैया से मुक्ति पाना चाहते हैं तो सरसों के तेल या तिल के तेल का दीपक जला सकते हैं.
  •     मान्यता है कि राम भक्त हनुमान को प्रसन्न करने के लिए हमेशा चमेली के तेल का दीपक जलाया जाता है. इसके लिए आप तीन कोने वाले दीपक का उपयोग करें.
  •     सूर्य देव और काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाना लाभकारी माना जाता है.
  •     यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु की स्थिति खराब है तो इससे बचने के लिए अलसी के तेल का दीपक जलाना लाभकारी होता है.

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