September 23, 2024

प्रदेश में वर्षाजनित बीमारियों की रोकथाम के प्रभावी उपाय किये गये हैं : स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी

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केन्द्र देगा एक करोड़ मच्छरदानी
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मांडविया ने वी.सी. से की वर्षाजनित बीमारियों की रोकथाम पर चर्चा

भोपाल
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा है कि प्रदेश में वर्षाजनित बीमारियों की रोकथाम के लिये प्रभावी उपाय किये गये हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अन्य संबंधित विभागों के समन्वय से जून माह में वर्षाकाल में होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिये रणनीति बनाई है। रोकथाम के उपायों को अमल में लाने के लिये नागरिकों को जागरूक किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में राज्य में वर्षाजनित बीमारियों की रोकथाम के लिये किये गये इंतजामों की जानकारी दे रहे थे। डॉ. मांडविया शुक्रवार शाम को नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से राज्यों में वर्षाजनित बीमारियों की रोकथाम के संबंध में चर्चा कर रहे थे।  

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जापानी एन्सेफेलाइटिस बीमारियों की रोकथाम के लिये टॉस्क फोर्स कमेटी की बैठक में रणनीति तैयार करने के साथ जन-जागरूकता बढ़ाने के लिये किये गये प्रयासों की जानकारी भी दी। उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा राज्य को दी जा रही लगभग एक करोड़ मच्छरदानी जल्द उपलब्ध कराने का आग्रह किया। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने प्रदेश को शीघ्र मच्छरदानियाँ प्रदाय करने के लिये संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने बताया कि प्रदेश में मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू जैसी बीमारियों पर बहुत हद तक नियंत्रण पाया गया है। मलेरिया के इस वर्ष मिले 700 प्रकरण में अधिकांश प्रकरण बालाघाट जिले से हैं, जहाँ मलेरिया की रोकथाम पर विशेष फोकस किया जा रहा है। मलेरिया रोधी दवाई का भी छिड़काव किया जा रहा है। जनवरी से मई-2023 तक 37 लाख 20 हजार 220 बुखार रोगियों की मलेरिया जाँच की गई। इनमें 232 रोगी वायवेक्स मलेरिया और 529 फेल्सीपेरम मलेरिया के पाये गये। माह जनवरी से मई-2023 तक डेंगू की कुल 8 हजार 155 जाँच में 325 प्रकरण पॉजिटिव रिपोर्ट हुए। चिकनगुनिया की 1357 जाँच में 117 प्रकरण पॉजिटिव पाये गये। डेंगू से प्रभावित जिलों में भोपाल, विदिशा, ग्वालियर, जबलपुर और इंदौर हैं।

डॉ. चौधरी ने कहा कि प्रदेश में वर्षाजनित बीमारियों की नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है। प्रभावित क्षेत्रों और मच्छरों के पनपने वाले स्थानों पर कीटनाशक दवाई का छिड़काव और फॉगिंग आदि की जा रही है। नागरिकों को मच्छरों के पनपने को रोकने और मच्छरों से बचाव के उपाय अपनाने के लिये जागरूक किया जा रहा है।

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