क्या है पार्किंसन बीमारी, जिससे पीड़ित हैं ऑस्ट्रेलियाई पूर्व कप्तान एलन बॉर्डर
नई दिल्ली
ऑस्ट्रेलियाई पूर्व कप्तान एलन बॉर्डर ना हाल ही में खुलासा किया है कि वह पार्किंसन बीमारी से पीड़ित हैं। इस बीमारी में हाथ-पैर से दिमाग तक पहुंचने वाली नसें काम करना बंद कर देती है। यह एक तरह का मूवमेंट डिसऑर्डर है। बॉर्डर को इस बीमारी का पता साल 2016 में लगा था। उनका कहना है कि वह 80 साल तक जी जाए तो यह एक चमतकार होगा। बता दें, 27 जुलाई को बॉर्डर 68 साल के हो जाएंगे।
न्यूजकॉर्प से बात करते हुए उन्होंने इस बीमारी का खुलासा करते हुए कहा 'मैं सीधे न्यूरोसर्जन के पास गया और उन्होंने मुझे बताया कि मैं पार्किंसन रोग से ग्रस्त हूं। मैं नहीं चाहता था कि लोग मेरे लिए खेद महसूस करें। लोग परवाह करते हैं या नहीं, आप नहीं जानते, लेकिन मुझे पता है कि एक दिन ऐसा आएगा जब लोग नोटिस करेंगे।'
उन्होंने आगे कहा 'मुझे लग रहा है कि मैं अन्य लोगों से काफी बेहतर हूं। फिलहाल मैं डरा हुआ नहीं हूं, निकट भविष्य को लेकर भी नहीं। मैं अभी 68 वर्ष का हूं और अगर मैं 80 साल का हो गया तो यह एक चमत्कार होगा।'
क्या है पार्किंसंस?
पार्किंसंस एक ऐसी बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं है। यह बीमारी ब्रेन डैमेज का कारण बनती है। इसके सामान्य लक्षण हैं मांसपेशियों पर नियंत्रण खोना, कंपकंपी, मांसपेशियों में अकड़न और गति में धीमापन आना। बॉर्डर के क्रिकेट करियर की बात करें तो वह टेस्ट क्रिकेट में 11 हजार रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी थे और उनकी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया 1987 में पहली बार वनडे वर्ल्ड कप जीतने में कामयाब रहा था।
1978 में डेब्यू करने वाले बॉर्डर ने अपने करियर में 156 टेस्ट खेले जिसमें उन्होंने 27 शतक जड़े। वहीं 273 वनडे में 6524 रनों के साथ उनके नाम 3 शतक दर्ज हैं। बॉर्डर ने टेस्ट में 39 और वनडे में 73 विकेट भी चटकाए हैं।