ODI World Cup में 12 सफल कप्तान, 2 के नाम अनोखा रिकॉर्ड
नईदिल्ली
क्लाइव लॉयड की टीम ने जीता पहला विश्वकप
सबसे पहला विश्वकप 1975 में खेला गया। फाइनल में ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज की टीमें पहुंची और क्लाइव लॉयड की कप्तानी वाली वेस्टइंडीज ने पहला खिताब जीता। क्लाइव लॉयड ने पूरे टूर्नामेंट के दौरान शानदार बल्लेबाजी की थी।
लॉयड ने दूसरी बार वेस्टइंडीज को जिताया खिताब
वेस्टइंडीज के महान खिलाड़ी क्लाइव लायड ने लगातार दूसरी बार भी अपनी टीम को चैंपियन बनाया। 1979 का विश्वकप फिर से वेस्टइंडीज ने जीता। क्लाइव लॉयड की टीम उस वक्त की अपराजेय टीम थी। इंग्लैंड को फाइनल में हराकर वे दोबारा चैंपियन बने।
कपिल देव के करिश्माई नेतृत्व में जीता भारत
1983 का वनडे विश्वकप हर भारतीय को आज भी याद है क्योंकि भारतीय टीम ने पहली बार खिताब पर कब्जा किया। वह भी वेस्टइंडीज जैसी कद्दावर टीम को हराकर। 1983 में भारत को खिताब दिलाने में कपिल देश की करिश्माई कप्तानी का बड़ा रोल रहा। तब भी सामने वेस्टइंडीज की टीम थी, जो तीसरी बार खिताब जीतने की दावेदार थी लेकिन भारत ने हराकर विश्वकप जीत लिया।
एलन बॉर्डर ने ऑस्ट्रेलिया को बनाया चैंपियन
ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज बल्लेबाज एलन बॉर्डर ने 1987 में ऑस्ट्रेलियाई टीम को चैंपियन बनाया। इंग्लैंड को फाइनल हराकर ऑस्ट्रेलिया ने पहली बार वर्ल्डकप की ट्रॉफी पर कब्जा किया। एलन बॉर्डर दुनिया के महान बल्लेबाजों में गिने जाते हैं और उन्होंने टीम को जीत दिलाकर अपनी महानता साबित की।
इमरान खान ने पाकिस्तान को बनाया चैंपियन
1992 में पाकिस्तान की पेस तिकड़ी यानि कप्तान इमरान खान, वकार युनुस और वसीम अकरम की जोड़ी ने पाकिस्तान को पहला विश्वकप जिताने में बड़ी भूमिका निभाई। 1992 में इमरान खान की पाकिस्तानी टीम ने विश्वकप खिताब पर कब्जा किया। उस वक्त भी इंग्लैंड की टीम फाइनल में पहुंची लेकिन पाकिस्तान ने इंग्लैंड को हराकर ट्रॉफी अपने नाम कर लिया।
अर्जुन रणतुंगा की रणनीति से श्रीलंका जीता
1996 का विश्वकप श्रीलंकाई कप्तान अर्जुन रणतुंगा की शानदार रणनीति के लिए जाना जाता है। तब पहले 15 ओवर में तेज रन बनाने की शुरूआत श्रीलंका ने की थी। सनत जयसूर्या और कालूवितर्णा की जोड़ी मैदान पर उतरते ही ताबड़तोड़ खेल दिखाते थे। 1996 में श्रीलंका की टीम ने ऑस्ट्रेलिया को रौंदकर विश्वकप खिताब पर कब्जा किया। अर्जुन रणतुंगा की कप्तानी वाली श्रीलंकाई टीम ने टूर्नामेंट में गजब का प्रदर्शन किया और विनर बनी।
स्टीव वॉ ने ऑस्ट्रेलिया को विनर बनाया
1999 में स्टीव वॉ की कप्तानी वाली कंगारू टीम ने फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान को हराकर ट्रॉफी जीती। ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज शेन वार्न, स्टीव वॉ, मार्क वॉ ने शानदार खेल दिखाया था। स्टीव कॉ को दुनिया का सबसे बेहतरीक कप्तान इसलिए माना जाता है क्योंकि वे विपक्षी टीम के हर खिलाड़ी के लिए खास स्ट्रैटजी अपनाते थे।
रिकी पोंटिंग का करिश्माई नेतृत्व
साल 2003 में सौरभ गांगुली की अगुवाई वाली टीम इंडिया फाइनल में पहुंची। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पॉन्टिंग ने फाइनल में शानदार शतक जड़कर ऑस्ट्रेलिया को लगातार दूसरी बार चैंपियन बनाया। रिकी पोंटिंग को उनकी बेहतरीन कप्तानी के लिए आज भी याद किया जाता है। 2003 में जब रिकी ने शतक जड़ा तब अफवाह उड़ी की उनके बल्ले में स्प्रिंग है।
रिकी पोंटिंग ने की क्लाइव लायड की बराबरी
रिकी पोंटिगं क्रिकेट इतिहास के दूसरे कप्तान हैं जिन्होंने अपनी टीम को लगातार दूसरी बार विश्वकप जिताया। 2003 के बाद 2007 में भी ऑस्ट्रेलियाई टीम विश्वकप विनर बनी। तब फाइनल में कंगारू टीम के सामने श्रीलंकाई चुनौती थी लेकिन कप्तान रिकी पॉन्टिंग की टीम ने वह मुकाबला जीतकर लगातार तीसरी बार चैंपियन बनने का सपना पूरा किया।
महेंद्र सिंह धोनी ने टीम इंडिया को चैंपियन बनाया
साल 2011 में भारतीय टीम को विश्व चैंपियन बनाने का करिश्मा महेंद्र धोनी ने किया। 2007 में टी20 वर्ल्ड कप जीत के बाद यह महेंद्र सिंह धोनी का दूसरा बड़ा खिताब रहा। 2011 में महेंद्र सिंह धोनी ने भारत को विश्वकप का विनर बनाया। फाइनल में एक बार फिर श्रीलंका की टीम पहुंची थी और भारतीय कप्तान ने विजई छक्का जड़कर भारत को विश्व विजेता बना दिया।
माइकल क्लार्क ने ऑस्ट्रेलिया को फिर जिताया
वक्त बीतता गया लेकिन ऑस्ट्रेलियाई टीम जीत के साथ आगे बढ़ती रही। साल 2015 में एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया ने पूरी दुनिया पर परचम लहराया। तब टीम की कमान माइकल क्लार्क के हाथों में थी और उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को 5वीं बार विश्वकप विजेता बनाकर साबित कर दिया कि क्रिकेट में कंगारू टीम का कोई सानी नहीं है। माइकल क्लार्क की कप्तानी वाली टीम ने न्यूजीलैंड को फाइनल में हराकर रिकॉर्ड पांचवीं बार ट्रॉफी पर कब्जा किया।
इयान मॉर्गन ने इंग्लैंड को दिलाई सफलता
साल 2019 में पहली बार इंग्लैंड की टीम ने वनडे विश्वकप का खिताब अपने नाम किया। इंग्लैंड के कप्तान इयान मॉर्गन ने आगे बढ़कर टीम की अगुवाई की और पहली बार क्रिकेट के जनक को विश्वकप का विनर बनाया। तब फाइनल में इंग्लैंड और न्यूजीलैंड की भिडंत हुई लेकिन इंग्लैंड ने रोमांचक जीत दर्ज करते हुए खिताब पर कब्जा किया।