‘देवेंद्रवासी’ समृद्धि एक्सप्रेसवे 6 महीने में हो चुकी है 88 लोगों की मौत – शरद पवार
मुंबई
महाराष्ट्र के समृद्धि एक्सप्रेस-वे पर शनिवार सुबह हुए दर्दनाक सड़क हादसे में 26 लोगों की मौत हो गई. हादसा इतना भीषण था कि एसी बस डिवाइडर से टकराने के बाद पलटते ही आग का गोला बन गई और 26 यात्रियों की झुलसकर ही मौत हो गई.एक अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र में समृद्धि एक्सप्रेसवे पर पिछले छह महीनों में सड़क दुर्घटनाओं के कारण 88 लोगों की जान चली गई है, जिसमें शनिवार मारे गए लोग भी शामिल हैं.
सड़क सम्मोहन बना वजह
राज्य राजमार्ग पुलिस अधिकारी ने बताया कि छह लेन चौड़े एक्सेस-नियंत्रित एक्सप्रेसवे पर दुर्घटनाओं के कारणों में से एक के रूप में सड़क सम्मोहन बताया जा रहा है.आपको बता दें कि हाईवे सम्मोहन या ड्राइविंग सम्मोहन एक ऐसी स्थिति है, जब कोई ड्राइवर वाहन चलाते समय उस विशिष्ट अवधि को याद नहीं रख पाता, जब हादसा हुआ हो.
अधिकारी ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि पिछले साल दिसंबर में नागपुर-मुंबई एक्सप्रेसवे को आंशिक रूप से खोले जाने के बाद से इस पर कुल 39 घातक दुर्घटनाएं हुई हैं. उन्होंने बताया कि इसके अलावा इस एक्सप्रेसवे पर 616 छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें 656 लोगों को गंभीर और मामूली चोटें आईं हैं.
फडणवीस के दिमाग की ऊपज है एक्सप्रेसवे
अधिकांश दुर्घटनाएं तेज गति से वाहन चलाने, वाहन चलाते समय चालक को झपकी आने और टायर फटने जैसे कारणों से हुईं. अधिकारी ने कहा कि राजमार्ग पुलिस सड़क सम्मोहन की समस्या से निपटने की कोशिश कर रही है. उन्होंने बताया कि पूरे महाराष्ट्र में 2022 में सड़क दुर्घटनाओं में 15,224 लोग मारे गए. नागपुर और मुंबई के बीच 701 किलोमीटर लंबा समृद्धि एक्सप्रेस-वे फडणवीस के दिमाग की ऊपज समझा जाता है. फिलहाल विदर्भ के सबसे बड़े शहर से नासिक के भारवीर तक यह मार्ग चालू है.
पवार ने बताया देवेंद्रवासी
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को समृद्धि एक्सप्रेसवे पर को लेकर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस पर कटाक्ष किया और दावा किया कि लोगों ने उनसे कहा था कि ऐसी मौतें "देवेंद्रवासी" बन जाती हैं. पवार ने कहा, ‘समृद्धि एक्सप्रेस-वे पर कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. मैंने भी इस मार्ग से एक बार सफर किया था. जब लोगों से मैंने उनका अनुभव पूछा तो उन्होंने मुझे बताया कि समृद्धि एक्सप्रेस-वे पर हादसे में जो व्यक्ति अपनी जान गंवाता है,वह देवेंद्रवासी बन जाता है.'