November 25, 2024

सुरक्षा मानकों के अनुरूप तकनीकी-विशेषज्ञ और कुशल कामगार द्वारा भोरमदेव मंदिर का किया जा रहा सुदृढ़ीकरण कार्य

0

कवर्धा.
छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में स्थापित 11वीं शताब्दी की प्राचीन, ऐतिहासिक, पुरातात्तविक एवं जनआस्था से जुड़े स्थल भोरमदेव मंदिर की नींव सुदृढ़ीकरण एवं अन्य तकनीकी कार्य पुरात्तव एवं संस्कृति विभाग की विषय-विशेषज्ञ एवं कुशल कामगारों द्वारा किया जा रहा है। भोरमदेव मंदिर के नींव सुदृढ़ीकरण एवं रेलिंग कार्य पूरा कर लिया गया है। भोरमदेव मंदिर सुदृढ़ीकरण एवं अन्य तकनीकी कार्य संस्कृति एव पुरात्तव विभाग के तकनीकी एवं विषय विशेषज्ञों की टीम की देखरेख में किया जा रहा है।

पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग की टीम ने बताया कि प्राचीन भोरमदेव मंदिर को मजबूत एवं संरक्षित के लिए तकनीकी रूप से कार्य किया जा रहा है। इसके लिए चरणबद्ध और पुरात्तव विभाग के सुरक्षा मानकों के अनुरूप ही कार्य किए जा रहे है। उन्होंने बताया कि नीव सुदृढ़ीकरण एवं रेलिंग कार्य पूरा कर लिया गया है। इसके बाद मंदिर के अंदर हो रहे पानी के रिसाव को रोकने के लिए मंदिर के मंडप की छत के उपर पूर्व में किया गया प्लास्टर जो पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो चुका था, उसे बंगाल के कुशल कामगारों से कार्य कराया जा रहा है। उनके द्वारा सर्व प्रथम क्षतिग्रस्त प्लास्टर को निकल कर मूल रूप में लाया गया। मंडप की छत का मूल रूप प्राप्त होने के बाद इसका सफाई कर उसमे पुरानी पुरातत्व विधि से चूना, गुड़, बेल, कत्था, मेथी, सुरखी इत्यादि का मिश्रण कर आवश्यकता अनुसार ढाल बनाते हुए वाटर प्रूफिंग का कार्य किया जा रहा हैं। मिश्रण छत पर डालने के उपरांत विशेषज्ञ कारीगरों द्वारा स्पेशल लकड़ी के औजार से मिश्रण की कुटाई उस स्थिति तक की जाएगी जब तक उसमे हवा नही निकल जाए। इसके बाद छत पर पानी भरकर पानी के रिसाव का परीक्षण किया जाएगा। इसके लिए आज विभाग के सहायक अभियंता सुभाष जैन, उप अभियंता चेतन मनहरे, तहसीलदार प्रमोद चंद्रवंशी और ठेकेदार एवं प्रतिनिधियों ने कार्य का निरीक्षण किया।

कलेक्टर जनमेजय महोबे ने पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग द्वार भोरमदेव मंदिर परिसर में किए जा रहे चरणबद्ध कार्यों की पूरी जानकारी ली। उन्होंने पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग के पुरातत्ववेत्ता से भोरमदेव मंदिर की छत से पानी के रिसाव को रोकने संबंध में कार्य की जानकारी ली। कलेक्टर महोबे ने कहा कि भोरमदेव मंदिर कबीरधाम जिले ही नहीं अपितु पूरे प्रदेश में ऐतिहासिक, पुरातात्तविक एवं जनआस्था के केद्र के रूप में इसकी एक विशिष्ठ पहचान है। कलेक्टर ने बताया कि भोरमदेव मंदिर नींव एवं सृद्ढ़ीकरण एवं अन्य तकनीकी कार्यों में पुरातत्व विभाग की सुरक्षा मानकों के अनुरूप तकनीकी एवं कुशल कामगारों के द्वारा ही कार्य किए जा रहे है। उन्होनें बताया कि समय-समय पर कार्यों की प्रगति की जानकारी भी तकनीकी अधिकारियों के द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे है।

पुरातत्व विभाग के सहायक अभियंता सुभाष जैन ने बताया कि मंदिर के छत का परीक्षण किया गया है। परीक्षण के उपरांत मूल छत को प्राप्त करने के लिए बिना क्षति किए बंगाल के कुशल कारिगरों द्वारा प्लास्टर को निकाला जा रहा है। उन्होंने बताया कि बंगाल के कुशल कारिगर द्वारा देश के विभिन्न पुरातत्व स्थलों का सुदृढ़ीकरण कार्यं किया गया है। इस कार्य को पुरातत्व विभाग के सहायक अभियंता स्थल पर उपस्थित होकर अपने मार्गदर्शन में कार्य करा रहे है। उन्होंने बताया कि सभी सुदृढ़ीकरण एवं मरम्मत कार्य मंदिर को बिना क्षति किए विशेष देखरेख में किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ढलाई का कार्य घिरनी की सहायता से समान व मिश्रण को खींचकर किया जाएगा। जिससे यह पूर्ण रूप से सुरक्षित होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *