योगी सरकार ने SC में दाखिल की अतीक-अशरफ मर्डर केस स्टेटस रिपोर्ट
नईदिल्ली
गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में हुई हत्या के मामले में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है. इसमें अपना जवाब भी दाखिल किया है. उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दाखिल की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि घटना की जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है. मामले में कई गवाहों के बयान भी दर्ज किए जा चुके हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके अलावा अपनी रिपोर्ट में विकास दुबे के एनकाउंटर के मामले पर भी सुप्रीम कोर्ट से रिटायर्ड जज जस्टिस बीएस चौहान की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के दिए गए सुझावों के अनुपालन की जानकारी भी दी है. वकील विशाल तिवारी की इस याचिका पर यूपी सरकार ने यह स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है. इस पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा.
गौरतलब है कि माफिया बंधुओं की हत्या के इस संबंध में अतीक की बहन आइशा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इसमें सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली कमेटी या एक स्वतंत्र एजेंसी से व्यापक जांच की मांग की गई. अतीक बहन का कहना था कि यूपी में सरकार की मदद से अवैध गैर-न्यायिक हत्याओं का अभियान चल रहा है.
'बदले की भावना से काम कर रही है सरकार'
उन्होंने कहा कि उनके परिवार के सदस्यों और अन्य व्यक्तियों की मौतें यूपी के एक शातिर, मनमाने और गैरकानूनी अभियान का हिस्सा हैं. याचिका में कहा गया कि कानून व्यवस्था के नाम पर इन मुठभेड़ों को सुप्रीम कोर्ट, एनएचआरसी ने भी आलोचना की है. अतीक की बहन की याचिका में दावा किया गया है कि यूपी सरकार उनके परिवार के खिलाफ बदले की भावना से काम कर रही है.
'पुलिस अधिकारियों के खिलाफ दर्ज हो केस'
आयशा ने अपनी याचिका के जरिए अपने परिवार के सदस्यों की सुरक्षा की मांग की है. साथ ही अतीक और अशरफ की हत्या के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश के आरोप में केस दर्ज कराए जाने की मांग की.
पहले भी हो चुकी है न्यायिक जांच की मांग
अतीक की बहन से पहले वकील विशाल तिवारी ने अतीक और अशरफ की हत्या के मामले में न्यायिक जांच की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी. उन्होंने अतीक और अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में कराने की मांग की थी. साथ ही जनहित याचिका में 2017 से अप्रैल तक हुए 183 एनकाउंटर की जांच भी एक्सपर्ट कमेटी से कराने की मांग की गई थी.
तीन शूटर्स ने की थी माफिया बंधुओं की हत्या
बता दें कि यूपी के प्रयागराज में माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल की रात तीन शूटर्स ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. आरोपियों की पहचान अरुण मौर्या, सनी और लवलेश तिवारी के रूप में हुई थी. तीनों पत्रकार बनकर पुलिस के काफिले के नजदीक पहुंचे थे. इसके बाद जैसे ही अतीक और उसके भाई अशरफ ने मीडिया से बात करना शुरू की, तीनों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इस दौरान करीब 18 राउंड गोलियां चलीं, जिनमें से 8 गोली अतीक अहमद को लगी थीं.