November 26, 2024

अपना दल के दोनों गुट ने कुछ यूं सोनेलाल को किया याद, क्या हैं सियासी संदेश

0

लखनऊ
अपना दल  के संस्थापक सोनलाल पटेल की विरासत को लेकर पार्टी के दोनों गुटों ने अलग अलग समारोह कर उन्हें याद किया और पिछड़ों को लुभाने के लिए खास जतन किया। दोनों आयोजन में मंच पर से दिए गए भाषणों केंद्र में पिछड़ा समाज व उसके लिए किए काम रहे।

रविवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में अपना दल के संस्थापक डा. सोनेलाल पटेल की जयंती कार्यक्रम के माध्यम से 2024 आमचुनाव में भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए की एकजुटता का बड़ा संदेश देने की कोशिश की गई। सोनेलाल के संघर्षों के हवाले से चुनावी वर्ष में यूपी में पिछड़े, दलित व वंचित समाज को जोड़ने की पहल अधिक नजर आई। इस पहल के केंद्र में पिछड़ा समाज अधिक था। उधर अपना दल कमेरावादी की अध्यक्ष कृष्णा पटेल की अध्यक्षता में सपा मुख्यालय में आयोजन हुआ। इसमें अखिलेश यादव ने इस गुट को कार्यक्रम के लिए इंदिरागांधी प्रतिष्ठान की बुकिंग रद करने के लिए आलोचना की। कृष्णा पटेल ने दूसरे गुट से जुड़े नेताओं बिना नाम लिए फरेबी व भाजपा नेताओं को जुमलेबाज बताया।

पिछड़ा वर्ग के हित में लिए गए फैसलों का बार-बार जिक्र
अपना दल (एस) के झंडे के रंग केसरिया और नीले रंग के कपड़ों वाले भव्य पांडाल में स्व. डा. सोनेलाल के चित्र पर पुष्पांजलि के बाद प्रमुख नेताओं ने एक-एक कर पिछड़े समाज के उत्थान के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को गिनाने का काम किया। पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन से लेकर शिक्षण संस्थाओं खासकर मेडिकल कालेजों में दाखिले में पिछड़ों को आरक्षण दिए जाने की बातें कई बार मंच से गूंजी। गरीबों को आवास, सिलेंडर के साथ ही राशन मुहैया कराने का जिक्र करना नेता नहीं भुले।

इन उपलब्धियों के हवाले से ही विपक्षी दलों पर वार किए गए। जनता को यह बताने का प्रयास किया गया कि विपक्ष सिर्फ उनका वोट चाहता है भला नहीं। केंद्रीय गृहमंत्री ने अपने संबोधन से अपना दल के साथ चार चुनाव लड़ने का जिक्र करने के साथ ही निषाद पार्टी का नाम भी कई बार लिया। यह बताने का प्रयास किया कि यूपी में एनडीए गठबंधन मजबूती से एक है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यूपी के नजरिए से भाजपा ने अपने साथियों की मजबूत साथ से विपक्ष को अवगत करा दिया है। 2024 आमचुनाव में यूपी की 80 सीटें भाजपा के लिए अहम हैं तो उन सभी पर जीत के लिए भाजपा को पिछड़े समाज के साथ ही दलित वोट भी चाहिए। विपक्ष के पिछड़े वर्ग में पैठ के दावे को कमजोर करने का संदेश भी दिया गया इस कार्यक्रम के माध्यम से।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *