भगवान शिव का परमप्रिय श्रावण मास आज से प्रारंभ
नई दिल्ली
भगवान शिव का परमप्रिय श्रावण मास आज से प्रारंभ हो गया है। इस बार श्रावण का अधिकमास होने के कारण शिव पूजा के लिए दो महीने का समय मिलेगा। इन दो महीनों में 8 सोमवार आने के साथ ही अनेक प्रमुख व्रत-पर्व, त्योहार आएंगे। अनेक विशिष्ट संयोंग बनेंगे जिनमें शिवपूजा करने से मनुष्य की भौतिक और आध्यात्मिक उन्नति होगी।
इस संवत 2080 में दो श्रावण मास आ रहे हैं। श्रावण मास कुल 59 दिनों का रहेगा और यह 4 जुलाई से प्रारंभ होकर 31 अगस्त तक रहेगा। इसमें प्रथम शुद्ध श्रावण 4 से 17 जुलाई, प्रथम अधिकमास श्रावण 18 जुलाई 1 अगस्त, द्वितीय अधिकमास श्रावण 2 अगस्त से 16 अगस्त और द्वितीय शुद्ध श्रावण 17 अगस्त से 31 अगस्त तक रहेगा। अर्थात् अधिकमास श्रावण 18 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेगा।
इस बार आएंगे आठ सोमवार
अनेक लोग पूरे श्रावण मास में व्रत करते हैं किंतु अनेक लोग केवल श्रावण सोमवार के व्रत करते हैं। दो श्रावण होने से इस बार आठ सोमवार आएंगे। ये सोमवार 10 जुलाई, 17 जुलाई, 24 जुलाई, 31 जुलाई, 7 अगस्त, 14 अगस्त, 21 अगस्त, 28 अगस्त रहेंगे। इनमें से चार सोमवार शुद्ध श्रावण में और चार सोमवार अधिकमास श्रावण में आएंगे।
श्रावण में प्रदोष व्रत
भगवान शिव की प्रसन्नता के लिए प्रदोष व्रत भी किए जाते हैं। इस बार प्रदोष व्रत 14 जुलाई, 30 जुलाई, 13 अगस्त और 28 अगस्त को आएंगे। इनमें से दो रवि प्रदोष और एक सोमप्रदोष का संयोग रहेगा।
नौ दिन होगा मंगला गौरी व्रत
जिस प्रकार श्रावण के प्रत्येक सोमवार का विशेष महत्व है, उसी प्रकार श्रावण के प्रत्येक मंगलवार को माता पार्वती का पूजन किया जाता है। इसे मंगला गौरी व्रत कहा जाता है। यह व्रत सुहागिन महिलाएं परिवार और संतान की उन्नति, स्वस्थता के लिए करती हैं और अविवाहित कन्याएं यह व्रत उत्तम वर की प्राप्ति के लिए करती हैं। इस बार मंगल गौरी व्रत श्रावण के प्रथम दिन ही आ रहा है। 4 जुलाई, 11 जुलाई, 18 जुलाई, 25 जुलाई, 1 अगस्त, 8 अगस्त, 15, अगस्त, 22, अगस्त, 29 अगस्त। इस बार नौ दिन मंगला गौरी व्रत होगा।