November 26, 2024

मुख्तार को जेल में रखने का 55 लाख खर्चा वसूलने का नोटिस कैप्टन और रंधावा को

0

नई दिल्ली
   

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को राज्य की जेल में रखने के लिए 55 लाख रुपये की कानूनी फीस पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा से वसूलने की बात कही थी. सोमवार को पंजाब  सरकार की ओर से अमरिंदर सिंह और रंधावा को वसूली का नोटिस भेज दिया गया.

कांग्रेस विधायक रंधावा ने वसूली का नोटिस शेयर किया. इससे पहले उन्होंने सीएम मान के खिलाफ 'चरित्र हनन' के लिए मानहानि का मामला दर्ज करने की धमकी दी थी. इस नोटिस में कहा गया है, ''यूपी की बांदा जेल में बंद गंभीर मामलों में आरोपी अंसारी, मोहाली में एक मनगढ़ंत एफआईआर दर्ज करने में सफल रहा."

इसके बाद अंसारी को प्रोडक्शन वारंट पर पंजाब लाया गया और 24 जनवरी, 2019 को रूपनगर जेल भेज दिया गया, इसके बाद 6 अप्रैल, 2021 तक वहां रखा गया. नोटिस में आगे कहा गया है कि उत्तर प्रदेश ने अंसारी को ट्रांसफर करने की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.

नोटिस में कहा गया, "आप दोनों ने मुख्तार अंसारी के ट्रांसफर का विरोध करने के लिए एक सीनियर वकील को नियुक्त किया. हालांकि इसमें कोई सार्वजनिक हित या पंजाब राज्य का हित शामिल नहीं था. अब इस मामले में वकील ने 55 लाख रुपये का बिल पेश किया है. वकील को 17.60 लाख रुपये की राशि का भुगतान किया जा चुका है.  

सरकार ने 15 दिनों में मांगा जवाब

पंजाब सरकार के नोटिस में आगे कहा गया, "…ऐसा महसूस किया गया है कि सीनियर वकील को भुगतान की जाने वाली राशि आप दोनों से समान रूप से वसूल की जानी चाहिए क्योंकि आपने उन्हें इस मामले के लिए एक वकील के रूप में नियुक्त करने का प्रस्ताव दिया है और मंजूरी दे दी है. आपको 15 दिनों के भीतर कारण बताने के लिए कहा जाता है कि ये राशि आपसे क्यों नहीं वसूली जानी चाहिए.''

सीएम ने पहले ही कर दिया था ऐलान

भगवंत मान ने एक दिन पहले ही कहा था कि वह कांग्रेस सरकार के दौरान अंसारी को रूपनगर जेल में रखने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह और उस समय के जेल मंत्री रहे सुखजिंदर सिंह रंधावा से 55 लाख रुपये की कानूनी फीस वसूलेंगे. इसके अगले ही दिन पंजाब सरकार की ओर से दोनों नेताओं को नोटिस भेज दिया गया.  

भगवंत मान ने दोनों नेताओं को दी धमकी

सीएम मान ने धमकी भी दी थी कि अगर अब भाजपा में शामिल कैप्टन और कांग्रेस विधायक रंधावा ने भुगतान नहीं किया तो उनकी पेंशन और अन्य लाभ रोक दिए जाएंगे. इससे पहले दिन में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच इस मामले में बयानबाजी होती रही. वहीं इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रंधावा ने कहा था कि वो मान के खिलाफ मानहानिक का मामला दायर करेंगे.

रंधावा ने दिया जवाब

इसके साथ ही रंधावा ने दावा किया कि वकील को नियुक्त करने की फीस 17.60 लाख रुपये ही थी. उन्होंने मान को रिकवरी नोटिस जारी की भी चुनौती दी. मान ने 2021 में रंधावा द्वारा पूर्व सीएम को लिखा एक पत्र भी साझा किया, जिसमें पूर्व जेल मंत्री ने बताया कि अंसारी मुद्दा न केवल विभाग के लिए बल्कि राज्य सरकार के लिए भी चिंता का विषय बन गया है क्योंकि मीडिया में सवाल उठाए जा रहे हैं. पत्र में रंधावा ने कहा था कि अंसारी का मामला विपक्ष ने विधानसभा में उठाया था और सिंह से स्थिति स्पष्ट करने को कहा था. बाद में एक बयान में मान ने कहा कि रंधावा के पत्र से साफ पता चलता है कि दोनों नेताओं को पूरे प्रकरण की जानकारी थी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *