November 26, 2024

लालच में फ्रांस ने कट्टरपंथी मुस्लिमों को बुलाया, अब वो देश जला रहे – मौलाना तौहीदी

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पेरिस
 फ्रांस दंगों के बीच ही इमाम तौहीदी भी काफी पॉपुलर हो रहे हैं। इमाम तौहीद ने अब दंगों से जुड़ा एक पोस्‍ट लिखा है। ट्विटर पर लिखी इस पोस्‍ट में उन्‍होंने साफ-साफ इस पूरी स्थिति के लिए राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो को जिम्‍मेदार ठहराया है। उन्‍होंने कहा है कि मैंक्रो ने खुद समस्‍याओं को आमंत्रित किया है। साथ ही इस स्थिति के लिए मुसलमान देशों को जिम्‍मेदार नहीं माना है। 27 जून को फ्रांस में 17 साल के अफ्रीकी मूल के लड़के नाहेल की हत्‍या के बाद से ही देश में हालात तनावपूर्ण हैं। फ्रांस में दंगों को भड़के हुए एक हफ्ते हो चुके हैं और इसके बाद भी स्थिति सामान्‍य नहीं हो रही है। अल्‍जीरियाई मूल के नाहेल की दादी और बाकी परिवारवालों ने शांति की अपील की है।

शांति का एक ही रास्‍ता
इमाम तौहीदी ने ट्विटर पर लिखा है, 'फ्रांस के लिए इस समय शांति का सिर्फ एक ही रास्‍ता है और वह है सच को स्‍वीकारना। उन तथ्‍य को समझा जाए जिसकी वजह से यह समस्या खड़ी हुई है। झूठ और असत्‍य कभी भी शांति का आधार नहीं हो सकते हैं।' उन्‍होंने लिखा कि फ्रांस ने अपनी समस्‍याओं को आयातित किया है। उन्‍होंने लिखा, 'फ्रांस ने इन कट्टरपंथियों और उनके व्यवहार के लिए वास्तविक नीतियां बनाईं जिनसे इनके देश में आने का रास्‍ता खुला। सस्ते श्रम और वोटों के लालच से यह सब किया गया और कुछ हासिल नहीं हुआ।'

कट्टरपंथी फ्रांस में काम नहीं करते
इमाम तौहीदी ने आगे लिखा है, ' जो भी कट्टरपंथी फ्रांस आया है, उनमें से कोई भी काम नहीं करना चाहता है। वो धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के विरोधी हैं। इसलिए उन्हें मतदान करने में भी कोई दिलचस्पी नहीं है। यह तभी होगा जब वो वास्तव में नागरिक बनेंगे। पुलिस की बर्बरता की हमेशा निंदा की जानी चाहिए और उसे रोका जाना चाहिए। आप दंगों और देश को जलाने से कुछ हासिल नहीं कर सकते हैं।'

'अभी भी समय है जाग जाओ'
इसके बाद इमाम ने मैंक्रो को आड़े हाथों लिया उन्‍होंने लिखा, 'मैंक्रो ने इस्लाम में सुधार की अपील की थी। साथ ही उन्‍होंने फ्रांस की समस्याओं के लिए मुस्लिम देशों को जिम्‍मेदार ठहराया था। वह भ्रम में हैं क्योंकि दुबई, यूएई, कुवैत, ओमान, बहरीन जैसे देशों के मुसलमानों का फ्रांस के संकट से कोई लेना-देना नहीं है।' इमाम तौहीदी के मुताबिक मैंक्रो ने अपने लिए परेशानियां खुद चुनीं और वह सोते रहे। उन्‍होंने कहा कि अभी भी उनके पास समय है। अगर वह अभी जाग जाएंगे तो अपनी समस्याओं को सच्चाई और तथ्यों के साथ हल करना शुरू कर देंगे। उन्‍होंने अंत में लिखा कि सच तो यह है कि जो भी दंगों में शामिल हैं, वो चरमपंथी फ्रांस के है ही नहीं।

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