रक्षाबंधन : भद्रा पाताल में,रात को सजेगी भाइयों की कलाई
भोपाल
रक्षाबंधन पर्व पर आज परंपरागत रूप से मनाया जा रहा है। हालांकि पंडितों के अलग-अलग मत अनुसार मुहूर्त को लेकर थोड़ा मतभेद है इसलिए कुछ लोग जहां सावन पूर्णिमा शुरू होते ही भद्रा काल में राखी बंधवा रहे हैं तो कुछ लोग भद्रा काल संपन्न होेने के बाद रात में राखी बांधेंगे। कुछ पंडितों का कहना है कि भद्रा पाताल में है इसलिए धरती पर असर नहीं होगा। राखी बंध सकती है तो कुछ का तर्क है कि भद्रा में शुभ कार्य नहीं होते।
यह है पंडितों का मत
पंडितों ने कहा कि रक्षाबंधन 11 अगस्त को मनाना ही उचित है। आज सुबह 9.18 बजे पूर्णिमा तिथि लगते ही भद्रा योग शुरू हुआ। जो कि रात तक चलेगा इसलिए भद्रा योग बीतने के बाद रात 8.27 के बाद राखी बंधवाई जा सकती है। हालांकि कुछ लोग 12 अगस्त को सुबह रक्षाबंधन मनाने का तर्क दे रहे हैं, लेकिन इस दिन विशेष मुहूर्त नहीं है।
ब्राह्मणों ने उपाकर्म के बाद बदले जनेऊ
ब्राह्मण एकता अस्मिता सहयोग एवं संस्कार मंच के तत्वावधान में ब्राह्मणों ने बड़ा तालाब स्थित शीतलदास की बगिया में पंचगव्य स्नान, उपाकर्म के बाद जनेऊ बदले गए। सूर्य की आराधना की गई। पंडित राकेश चतुर्वेदी एवं वैदिक पंडित अनिल शास्त्री ने बताया कि श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाने वाला श्रावणी उपाकर्म वेद पाठी ब्राह्मणों व द्विजों का सबसे बड़ा पर्व है। इस दिन नदी अथवा सरोवर में स्नान व अंत:करण की शुद्धि का महत्व है। ब्राह्मणों ने पंचगव्य, दूध, दही, घृत, गोबर, गोमूत्र से उपाकर्म संस्कार कर शरीर के अंत:करण शुद्धि के बाद हेमाद्रि संकल्प किया। वैदिक विद्वान ब्राह्मणों द्वारा वैदिक एवं पौराणिक मंत्रों से अभिमंत्रित आत्मरक्षा, धर्मरक्षा और राष्ट्ररक्षा के सूत्र संकल्पबद्ध किए गए।
इधर रक्षाबंधन पर निजी बसों में मनमाना किराया
रक्षाबंधन के मौके पर जहां एक तरफ नगर निगम बसों में महिलाओं को नि:शुल्क यात्रा करवा रहा हैवही दूसरी तरफ शहर से बाहर जाने वाली बसों में यात्रियों से मनमाना किराया वसूला जा रहा है। हर साल त्योहार के मौके पर इस तरह की दिक्कत आती है लेकिन आरटीओ विभाग बस आपरेटरों की मनमानी पर लगाम नहीं लगता है। यात्रियों को अधिक किराया चुकाकर बसों में घुटन के बीच सफर को मजबूूर होना पड़ता है। शहर के आइएसबीटी, नादरा, हलालपुर व पुतली घर बस स्टैंड से संचालित होने वाली बसों में रक्षाबंधन पर यात्रियों की भीड़ देखने को मिल रही है। इसका लाभ निजी बस संचालक उठा रहे हैं। यात्रियों को गंतव्य स्थान तक पहुंचाने के लिए उनसे मनमाना किराया वूसला जा रहा है। भोपाल से इंदौर, उज्जैन, देवास, बैतूल, सागर, जबलपुर सहित अन्य मार्गों पर संचालित बसों में यात्रियों की भीड़ होने से सभी को बैठने की जगह नहीं मिल रही है।
नहीं चला कोई चेकिंग अभियान
हैरत की बात है कि त्यौहार के देखते हुए आरटीओ ने बस मालिकों की मनमानी रोकने के लिए कोई चेकिंग अभियान नहीं चलाया है। आरटीओ के जिम्मेदार अधिकारी हाथ पर हाथ पर रखे बैठें हैं। रक्षाबंधन पर यात्रियों की भीड़ को देखते हुए भी बसों के संचालन में कोई सुधार नहीं कराया है। आइएसबीटी, नादरा, हलालपुर, पुतलीघर बस स्टैंड पर न बसों की सूची है कि कौन सी बस कब और कहां जाएगी और न ही एनाउंसमेंट होता है। यात्री बसों के इंतजार में खड़े रहते हैं। आइएसबीटी के बाहर यात्री खड़े होकर बसों का इंतजार करते हैं। यात्रियों के बैठने के लिए बस स्टैंड के बाहर, जहां बसें खड़ी होती हैं, वहां कुर्सियां तक नगर निगम प्रशासन ने लगाई हैं।
बसों की जांच भी नहीं
भीड़भाड़ के माहौल में आरटीओ को बसों की जांच करके यह देखना चाहिए कि उनमें में फसर््ट एड बाक्स है या नहीं। अग्निश्मन यंत्र दुरुस्त अवस्था हैं या नहीं। बसों का परमिट वैध है या नहीं। इससे बस मालिकों के हौसले बुलंद हैं और वे नियमों को धता बताते हुए तय किराए से 100 से 150 रुपये तक अधिक वसूल रहे हैं। रक्षाबंधन से लेकर 15, 16 अगस्त तक बसों में यात्रियों की भीड़ रहेगी। रक्षाबंधन व स्वतंत्रता दिवस मनाने के बाद लोग प्रदेश व प्रदेश के बाहर से भोपाल लौटेंगे। इससे बसों में अधिक संख्या में लोग सफर करेंगे। यदि कार्रवाई नहीं हुई तो बस संचालकों की मनमानी चलती रहेगी।