पेशाब कांड पीड़ित आदिवासी के CM ने पांव धोये तिलक और शॉल से सम्मान किया, माफी मांगी
सीधी/भोपाल
सीधी पेशाब कांड पीड़ित आदिवासी युवक गुरुवार को सीएम हाउस पहुंचा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पांव धोकर उसकी आरती उतारी। उसका शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया। कहा- घटना से मन द्रवित है। उन्होंने माफी भी मांगी। बता दें, बुधवार को आरोपी बीजेपी नेता प्रवेश शुक्ला के घर पर प्रशासन ने तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई थी। इसके बाद रात को कांग्रेस नेता पीड़ित के घर धरने पर बैठ गए। वे आरोपी का घर पूरी तरह से तोड़ने की मांग कर रहे हैं। सीधी से बीजेपी विधायक केदार शुक्ला और पार्टी के अन्य नेता भी पीड़ित के घर पहुंच गए।
मध्य प्रदेश के सीधी जिले में आदिवासी युवक के मुंह पर पेशाब करने की घटना सामने आने के बाद सियासत भी उफान पर है। विपक्षी कांग्रेस पार्टी इसे बीजेपी के आदिवासी विरोधी रवैये के रूप में प्रचारित कर रही है। चुनावी साल में बीजेपी इस घटना के असर को लेकर चिंतित है। इसलिए, एक ओर जहां आरोपी के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई हो रही है, वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज गुरुवार को पीड़ित युवक और परिजनों से की मुलाकात।
दोनों ही दल के नेताओं ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की। इससे पहले आरोपी भाजपा कार्यकर्ता प्रवेश शुक्ला को मंगलवार देर रात गिरफ्तार कर लिया गया। उस पर एनएसए लगाया गया है। बुधवार को उसे जिला न्यायालय में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया। प्रवेश पर नशे की हालत में आदिवासी युवक पर पेशाब करने का आरोप है।
मुख्यमंत्री ने बुधवार शाम को ट्वीट कर खुद यह जानकारी दी। शिवराज ने लिखा कि जबसे मैंने सीधी की घटना का वीडियो देखा, अंतर्मन अत्यधिक व्याकुल और हृदय पीड़ा से भरा हुआ है। मैं तब से ही दशमत जी से मिलकर उनका दुःख बांटना चाहता था और यह विश्वास भी दिलाना चाहता था कि उनको न्याय मिलेगा। कल उनसे और उनके परिवार से भोपाल में अपने निवास पर मिलकर अपनी संवेदनाएं व्यक्त करने के साथ परिवार को ढाढस बंधाऊंगा।
सोशल मीडिया पर तीन जुलाई को एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें प्रवेश शुक्ला नाम का शख्स आदिवासी युवक के ऊपर पेशाब करता हुआ दिखा था। वीडियो सामने आते ही सीधी से लेकर दिल्ली और भोपाल तक हड़कंप मच गया था। प्रशासन ने मंगलवार रात आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और बुधवार को उसके घर पर बुलडोजर चलाया गया। आरोपी के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई करते हुए उसे जेल भेज दिया गया।
हालांकि, कांग्रेस पार्टी इसको लेकर बीजेपी पर लगातार हमलावर है। पार्टी इसे बीजेपी के आदिवासी-विरोधी चरित्र के रूप में प्रचारित कर रही है। इस घटना से बीजेपी भी चिंतित है। पिछले विधानसभा चुनाव में आदिवासियों का समर्थन नहीं मिलने के चलते बीजेपी को सत्ता गंवानी पड़ी थी। एक बार फिर चुनावी साल में यह मामला उसके लिए मुसीबत ना बन जाए, बीजेपी डैमेज कंट्रोल में जुट गई है।