हिंदी में MBBS सेकेंड ईयर की किताब को मार्केट में आने में अभी समय लगेगा
भोपाल
प्रथम वर्ष के बाद अब एमबीबीएस द्वितीय वर्ष में पढ़ाई जाने वाली किताबों को हिंदी में तैयार किया जा रहा है। पहले चरण का काम काम पूरा हो चुका है। इस चरण में जिन किताओं को ट्रांसलेट किया जाना है, उनको सिलेक्ट किया गया था। इसके बाद किताबों के कुछ चैप्टर तैयार भी हो चुके हैं, लेकिन मार्केट में किताबें आने में अभी समय लग सकत है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अगस्त-सितंबर तक किताओं का काम पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।
3 बुक ट्रांसलेट कर रहे
पहले चरण में तीन पुस्तकों को ट्रांसलेट किया जा रहा है। यह किताबें अप्रैल तक तैयार करना था। प्रथम वर्ष की तरह द्वितीय वर्ष की पुस्तकों में तकनीकी शब्द अंग्रेजी स्पेलिंग के साथ लिखे हैं।
97 टीचर्स कर रहे तैयार
एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की किताबें गर्वनमेंट मेडिकल कॉलेज के करीब 97 मेडिकल टीचर तैयार कर रहे हैं। पुस्तकों को अंतिम रूप देने से पहले सुझावों के अनुसार संशोधन किया जाएगा।
छात्रों को पीडीएफ भी देंगे
चिकित्सा शिक्षकों की टीम किताबों का इंग्लिश किताबों से मिलान करेगी और देखेगी की साम्रगी का मूल अर्थ न बदले और कठिन शब्दों का प्रयोग न हो। ये किताबें पीडीएफ फॉरमेट में छात्रों को व्हॉट्स-अप पर दी जाएंगी।
पीएटी -2023 के एडमिट कार्ड जारी
माप्र कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) ने प्री-एग्रीकल्चर टेस्ट (पीएटी)-2023 के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिए हैं। परीक्षा 12 जुलाई से शुरू होगी। इसकी मेरिट के आधार पर राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विवि ग्वालियर और जवाहरलाल नेहरू कृषि विवि जबलपुर व महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विवि चित्रकूट सतना के अंतर्गत अंडर ग्रेजुएशन (यूजी) प्रोग्राम में प्रवेश मिलेगा।
प्रथम चरण का काम पूरा हो चुका है, लेकिन किताबें तैयार होने के समय लगेगा। किताबों में गड़बड़ी न होने इसका ध्यान रखा जा रहा है। किताबें तैयारी होने के बाद शिक्षकों की टीम उनका मिलान इंग्लिश किताबों से करेगी और ये देखेगी की कहीं किसी साम्रगी का मूल अर्थ न बदल जाए।
एके श्रीवास्तव, डायरेक्टर, चिकित्सा शिक्षा विभाग