मंगल पांडे के वंशज रघुनाथ भड़के अमीर खान पर, बोले शहीद को तवायफ के साथ दिखाना दुर्भाग्य
रायपुर
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिजनों के सम्मान समारोह में शामिल होने राजधानी रायपुर पहुंचे शहीद मंगल पांडे के चौथी पीढ़ी से ताल्लुक रखने वाले वंशज रघुनाथ पांडे फिल्म अभिनेता अमीर खान पर भड़क गए और कहा कि शहीद मंगल पांडे को तवायफ के साथ दिखाना दुर्भाग्य की बात है, शादी भी दिखाई गई जो कि कभी हुई ही नहीं थी। लोगों ने अमर शहीद मंगल पांडे को जानने के लिए कोई प्रयास नहीं किया क्योंंकि फिल्म के साथ छेड़छाड़ करके पेश किया गया था। उन्होंने कहा कि देश के लिए जान देने वालों को याद करने का कोई दिन नहीं होना चाहिए, उन्हें हर दिन याद किया जाना चाहिए।
पत्रकारों से चर्चा करते हुए रघुनाथ पांडे ने कहा कि देश के लोगों ने अमर शहीद मंगल पांडे को जानने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। एक फिल्म आई वह भी गलत ढंग से पेश की गई। फिल्म इतिहास पर बेस्ड थी ही नहीं, वह पूर्ण रूप से व्यवसायिक मनोरंजन के लिए बनाई गई थी और फिल्म में इतिहास के साथ खिलवाड़ हुआ। फिल्म में मंगल पांडे को तवायफ के साथ रिश्ते में दिखाया गया, यह दुर्भाग्य की बात है। मंगल पांडे की शादी भी दिखाई गई जो कि कभी हुई ही नहीं थी। इस वजह से मैंने आमिर खान और रानी मुखर्जी पर केस भी किया था। ऐसे मामलों में लोग हजारों करोड़ रुपए के मानहानि का दावा करते हैं, मैंने सिर्फ एक रुपए हजार्ने के लिए सम्मान की खातिर केस किया था। जज ने भी 3 घंटे फिल्म देखने के बाद फैसला दिया कि इस फिल्म को प्रदर्शित करने के दौरान यह बताना जरूरी होगा कि यह फिल्म ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित नहीं है।
रघुनाथ पांडे ने कहा कि मंगल पांडे पर बनी फिल्म सिनेमा घरों में प्रदर्शित कर दी गई लेकिन परिवार के लोगों से कोई जानकारी न तो ली गई और न ही दी गई। देश की आजादी का संग्राम बैरकपुर में सैनिक विद्रोह के साथ शुरू हुआ, जिसकी अगुआई शहीद मंगल पांडे ने की। मेरे द्वारा लगाए गए केस में जब जज ने अदालत में एक्टर से पूछा था कि क्या आप मंगल पांडे के बारे में कुछ जानते हैं, तब जवाब में आमिर खान ने कह दिया था कि मैं एक्टर हूं मुझसे जैसी एक्टिंग करने कहा गया मैंने कर दी।
उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव की शुरूआत हुई यह अच्छी बात है। आज शहीदों और सेनानियों को लेकर चर्चा शुरू हुई है। मगर देश के लिए जान देने वालों को याद करने का कोई दिन नहीं होना चाहिए, हर दिन उन्हें याद करने का दिन होना चाहिए। राष्ट्रवाद का भाव लेकर हम सभी अपने-अपने क्षेत्रों में ईमानदारी से काम करें यही बेहतर होगा।