गायब हुए वैगनर चीफ प्रिगोझिन, कहीं रूसी राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ बड़ी साजिश तो नहीं!
मॉस्को
रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ विद्रोह छेड़ने वाले वैगनर चीफ येवेगनी प्रिगोझिन का कुछ पता नहीं चल रहा है। प्राइवे आर्मी वैगनर चीफ के इस तरह से गायब होना विशेषज्ञों को कुछ हजम नहीं हो रहा है। उनका मानना है कि उनकी गुमशुदगी पुतिन के लिए अलर्ट रहने की तरफ इशारा करती है। बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंके ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जो प्रिगोझिन से जुड़ी थी। उनकी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से इसी बात का अंदाजा लगता है कि प्रिगोझिन 24 जून के बाद से ही नजर नहीं आए हैं। जानकारों के मुताबिक निश्चित तौर पर यह एक खतरनाक स्थिति है।
लुकाशेंके ने बनाई दूरी
प्रिगोझिन और क्रेमलिनक के बीच समझौता कराने वाले लुकाशेंके ने खुद को इस सारे बवाल से अलग कर लिया है। लुकाशेंके ने साफ कर दिया कि न तो वैगनर चीफ बेलारूस में है और न ही उनके भाड़े के सैनिक देश में हैं। यह बात भी साफ नहीं के वैगनर के सैनिक बेलारूस आए भी हैं या नहीं। लुकाशेंके ने कहा, 'वह सेंट पीटरसबर्ग में है या फिर हो सकता है कि वह आज सुबह मॉस्को या फिर कहीं और के लिए निकल गया हो। लेकिन वह बेलारूस की सीमा में नहीं है।' लुकाशेंके ने जो समझौता कराया था उसके तहत प्रिगोझिन और उसके सैनिक रूस से बेलारूस आ जाएंगे।
पुतिन को दिया दोष!
क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने इस बात की पुष्टि की थी। उन्होंने कहा था कि समझौता हो सका क्योंकि प्रिगोझिन और लुकाशेंके एक-दूसरे को 20 सालों से व्यक्तिगत तौर पर जानते हैं। मगर लुकाशेंके ने इस बात से इनकार कर दिया और कहा कि वह नहीं बल्कि पुतिन प्रिगोझिन के लंबे समय तक दोस्त रहे हैं। साफ है कि अब दोनों ही नेता खुद को प्रिगोझिन का करीबी बताने से हिचक रहे हैं। पेस्कोव ने ताजा बयान में प्रिगोझिन के ठिकाने के बारे में हर सवाल को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, 'हमें नहीं पता कि वह कहां हैं और न ही हम जानना चाहते हैं।'
वहीं यूक्रेन के गृह मंत्री के सलाहकार एंटोन गेराशचेंको ने भी इस स्थिति पर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, 'यह बहुत अच्छा है कि रूस के अधिकारियों को वास्तव में उस व्यक्ति के बारे में कोई जानकारी नहीं है जिसने उनके खिलाफ सशस्त्र विद्रोह शुरू किया था। लेकिन वह पैसे, हथियारों और वैगनर भाड़े के सैनिकों के साथ आखिर है कहां?'
आजाद क्यों घूम रहे हैं प्रिगोझिन
विद्रोह खत्म होने के बाद लुकाशेंके ने दावा किया था कि प्रिगोझिन बेलारूस पहुंच चुका है। लेकिन इसकी पुष्टि किसी ने भी नहीं की। दूसरी तरफ रूस की मीडिया की तरफ से बताया गया है कि सेंट पीटर्सबर्ग में प्रिगोझिन के ऑफिस और घर पर पुलिस ने छापेमारी की है। कुछ घंटों बाद ऐसी खबरें भी आईं कि प्रिगोझिन के कुछ पैसे और संपत्ति उन्हें वापस कर दिए गए हैं। मगर यह रहस्य बना हुआ हे कि आखिर लुकाशेंके समझौते की शर्तों को पूरा करने में विफल रहे हैं। इसके बावजूद पुतिन ने अब तक प्रिगोझिन को आजाद क्यों छोड़ा है। विद्रोह से पहले प्रिगोझिन सोशल मीडिया रॉक स्टार था।