एमएसएमई उद्योग और रोजगार बढ़ाने के टारगेट में पिछड़ने की चिंता, सितंबर तक टले भूमिपूजन
भोपाल
प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा क्लस्टर को बढ़ावा देने के बाद भी बैंकिंग प्रोसेस और अन्य रुकावटों के चलते सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग लगने में दिक्कत हो रही है। ऐसे में सरकार की चिंता बढ़ रही है कि समय पर क्लस्टर डेवलप नहीं होने से आने वाले एक साल में जिस तेजी से एमएसएमई उद्योग और रोजगार बढ़ाने का टारगेट तय किया जा रहा है वह पूरा नहीं हो पाएगा। क्लस्टर डेवलप न होने पाने के चलते अगस्त में होने वाले आधा दर्जन से अधिक जिलों में क्लस्टर भूमिपूजन कार्यक्रम अब अगस्त में नहीं होगा। इसे सितम्बर तक के लिए टाल दिया गया है।
प्रदेश में एमएसएमई मंत्री के क्षेत्र नीमच में स्पेशल क्लस्टर डेवलप किए जाने के साथ इंदौर में फर्नीचर समेत तीन नए क्लस्टर डेवलप किए जाने हैं। इसके साथ ही बुरहानपुर में पावरलूम, सीहोर में खिलौना, जबलपुर में मिष्ठान और खिलौना, मुरैना में फर्नीचर, बैतूल में फर्नीचर और गुड़, छतरपुर में फर्नीचर क्लस्टर डेवलप करने की तैयारी एमएसएमई विभाग द्वारा की जा रही है। इसके लिए भूमि चयन की कार्यवाही होने के बाद वहां अन्य डेवलपमेंट नहीं किए जा सके हैं। विभाग की कोशिश थी कि इसी माह सीएम शिवराज सिंह चौहान के हाथों इन क्लस्टर का भूमिपूजन कराया जाए लेकिन अधोसंरचना के काम नहीं होने से अब यह कार्यक्रम सितम्बर तक के लिए टाल दिया गया है और जिलों में अधिकारियों से कहा गया है कि क्लस्टर के पेंडिंग कामों को पूरा कर शासन को रिपोर्ट भेजेंं। इसके साथ ही खंडवा में निजी भूमि पर मल्टी प्रोडक्ट क्लस्टर डेवलप किए जाने की कार्यवाही हो रही है।
छोटे उद्योगों के साथ रोजगार पर फोकस
अफसरों के मुताबिक क्लस्टर के जरिये सरकार दस एकड़ या आसपास के क्षेत्रफल वाले छोटे औद्योगिक क्षेत्र विकसित कर छोटे व लघु उद्यमियों को बढ़ावा देना चाहती है लेकिन जहां इसको लेकर काम हुआ है वहां उद्योग लगाने वालों को बैंकों से लोन न मिल पाने की बदौलत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इससे जहां एमएसएमई उद्योगों की संख्या में अपेक्षित वृद्धि नहीं हो पा रही है वहीं इनके जरिये होने वाले रोजगार सृजन का काम भी अटक रहा है।