September 24, 2024

सर्वदलीय बैठक से नाराज होकर बाहर चले गए विजय सिन्हा, बोले- ‘‘मैं कई मुद्दे उठाना चाहता था, लेकिन…

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बिहार
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा मॉनसून सत्र से पहले शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से नाराज होकर बाहर चले गए, जिसकी सत्तारूढ़ 'महागठबंधन' ने आलोचना की। बजट सत्र से पहले की पिछली बैठकों के रिकॉर्ड को पेश करने की मांग खारिज होने से नाराज भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि ‘विधायिका सरकार के एक उपकरण की तरह काम कर रही' है।

मैं कई मुद्दे उठाना चाहता था: सिन्हा
संक्षिप्त मॉनसून सत्र (10 जुलाई से 14 जुलाई) के मद्देनजर विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने यह बैठक बुलाई थी। सिन्हा बीच में ही अचानक बैठक से चले गए और बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं कई मुद्दे उठाना चाहता था। इनमें विधानसभा में स्टाफ की नियुक्ति में अनियमितता, कुछ सदस्यों के विशेषाधिकार का हनन आदि मामला शामिल है, लेकिन ऐसा लगता है कि अध्यक्ष सरकार के निर्देश पर काम कर रहे हैं।'' हालांकि, बैठक में मौजूद रहे संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा, ‘‘पूर्व विधानसभा अध्यक्ष होने के नाते सिन्हा को पता होना चाहिए कि पूर्व की बैठकों के रिकॉर्ड मांगने की परिपाटी नहीं रही है। इस तरह की चीजें ना तो उनके कार्यकाल में हुईं, ना ही मेरे कार्यकाल में।''

जद(यू) के वरिष्ठ नेता चौधरी वर्ष 2015 से 2020 तक विधानसभा अध्यक्ष भी रहे हैं। सिन्हा वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद इस पद के लिए निर्वाचित हुए थे, लेकिन पिछले साल अगस्त में उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया, जब नीतीश कुमार ने राजग से अलग होने के बाद महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। महागठबंधन में जद (यू) के अलावा राजद, कांग्रेस, वाम दल भी शामिल हैं। कांग्रेस नेता शकील अहमद खान ने भी चौधरी के मत से सहमति जताते हुए कहा, ‘‘यह अजीब बात है कि सिन्हा रिकॉर्ड तलब करने पर जोर दे रहे थे, जबकि अध्यक्ष पद पर रहते हुए उन्होंने खुद इसकी अनुमति नहीं दी थी। ऐसा लगता है कि सुर्खियों में बने रहने की चाहत उन पर हावी हो गई है।''

 

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