पंजाब सरकार ने मेडिकल कॉलेज के स्टाफ को जल्द रेगुलर करने का किया ऐलान, बना रही बड़ी योजना
चंडीगढ़
मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार ने पटियाला के सरकारी आयुर्वेदिक कॉलेज के स्टाफ को जल्द रेगुलर करने का ऐलान किया। यह जानकारी पंजाब के मेडिकल शिक्षा और अनुसंधान मंत्री डा. बलबीर सिंह ने दी। योग्यता और नियमों अनुसार कॉलेज स्टाफ को तरक्की देने को यकीनी बनाने के निर्देश देते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि चाहे नेशनल कमीशन फार इंडियन सिस्टम आफ मैडिसन (एन.सी.आई.एस.एम.) ने आयुर्वेदिक कॉलेज को बंद करने के लिए कहा था, परन्तु मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने कॉलेज को न सिर्फ खुला रखा बल्कि कॉलेज स्टाफ को रेगुलर करने का भी फैसला किया है। राज्य ने इस संस्था को फिर पुनर्जीवित करने का फैसला किया है जो भारत की प्राचीन इलाज प्रणाली की रक्षा कर रही है, इसके इलावा यहां एक फार्मेसी और अस्पताल की सुविधा भी शुरू की जा रही है। इस दौरान मेडिकल शिक्षा और अनुसंधान मंत्री ने सरकारी मेडिकल कॉलेज और सरकारी डैंटल कॉलेज का भी दौरा किया। साथ ही इन तीनों प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थाओं के कामकाज को और बेहतर बनाने के मद्देनजर स्टाफ और विद्यार्थियों के सुझाव भी लिए।
डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि पटियाला के इन सभी सरकारी कॉलेजों को देश के अग्रणी मेडिकल कॉलेजों में तबदील किया जाएगा, जिसके लिए पंजाब सरकार ने एक योजना बनाई है। उन्होंने फेकल्टी और विद्यार्थियों को यह भी भरोसा दिया कि पंजाब सरकार जल्द ही डैंटल कॉलेज में पदों का इश्तिहार देने जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य को रंगला पंजाब बनाने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े स्तर पर सुधार लाए जा रहे हैं और पंजाब सरकार राज्य में अत्याधुनिक सेहत सहूलियतों को यकीनी बनाने के लिए पूरी तनदेही के साथ यत्नशील है।
डॉ. बलबीर सिंह ने पुरानी गायनी इमारत को गिरा कर 150 करोड़ रुपए की लागत के साथ बनने वाले नए ट्रौमा सैंटर की निर्माण योजना का जायजा लेते हुए कहा कि यह सरकारी राजिन्द्रा अस्पताल में सेहत सहूलियतों के लिए वरदान साबित होगा। स्वास्थ्य मंत्री ने लड़कों और लड़कियों के होस्टलों, फेकल्टी हाउस और इंस्टीट्यूट की इमारत का भी जायज़ा लिया और अधिकारियों को ज़मीनी कामों में तेजी लाने के निर्देश दिए। इससे पहले डाः बलबीर सिंह ने सरकारी मैडीकल कॉलेज को देश के अग्रणी मेडिकल कॉलेजों में शुमार करने के लिए बनाई गई योजना को लागू करने के लिए सीनियर अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय मीटिंग की। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि चारों संस्थानों में फेकल्टी की तरक्कियां भी जारी हैं। उन्होंने कहा कि सारी व्यवस्था को पारदर्शी और कुशल बनाना सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है।