November 12, 2024

बढ़ेंगी जीतन राम मांझी-संतोष सुमन की मुश्किलें? नीतीश सरकार कर रही विभागीय समीक्षा; जानें मंत्री रत्नेश सदा का आरोप

0

बिहार
बिहार की राजनीति में बदला लेने की संस्कृति बढ़ रही है। जब तक नेता साथ रहते हैं तब तक सब कुछ ठीक। पाला बदलते ही बयान बाजी के साथ एक्शन का दौर भी शुरू हो जाता है। जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद नीतीश सरकार में मंत्री बने रत्नेश सदा एक्शन में आ गए हैं। उन्होंने संतोष मांझी के कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों की समीक्षा शुरू कर दी है। यह भी कहा है कि मुख्यमंत्री रहते जीतन राम मांझी ने मुसहर समाज के लिए क्या किया, उसे भी खंगाला जाएगा।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंत्री रत्नेश अदा ने जीतन राम मांझी और उनके बेटे संतोष मांझी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पिता-पुत्र के काम की समीक्षा शुरू हो गई है। दोनों ने विभिन्न दायित्व में रहते हुए एसीएसटी समाज के कल्याण के लिए क्या किया उसकी फाइल सचिव खंगाल रहे हैं। जल्द ही रिजल्ट सामने आ जाएगा।  संतोष सुमन मंत्री रहते कितना काम की है और क्या पेंडिंग रह गया है इस सब का का खाका तैयार किया जा रहा है।  उसके आधार पर आगे की  कार्रवाई होगी।

मंत्री रत्नेश सदा ने यह दावा किया कि गया से पिता पुत्र दोनों को साफ कर देना है। उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी 1980 से 2023 तक कभी विधायक, कभी मंत्री तो कभी मुख्यमंत्री रहे। सब पावर हाथ में होने के बावजूद उन्होंने समाज को धोखा दिया। इस समाज के विकास के लिए कुछ नहीं किया। जल्द ही सारी बातें सामने आ जाएगी।

रत्नेश सदा ने हागठबंधन छोड़कर एनडीए में जाने पर भी मांझी पर तंज कसा।  उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार पर मांझी आरोप लगाते हैं कि दलितों का अपमान करते हैं। लेकिन, जहां गए हैं वहां क्या हुआ। वहां उनका जूता उतरवा दिया गया। इशारा किया की जीतन राम मांझी को वहां अपमानित किया जा रहा है।

बताते चलें कि बिहार के बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में पिछले 13 जून को जीतन राम मांझी ने नीतीश सरकार से किनारा कर लिया। बिहार सरकार में एससी एसटी कल्याण मंत्री रहे उनके बेटे संतोष सुमन ने इस्तीफा दे दिया। उसके बाद रत्नेश सदा का चयन मंत्री पद के लिए किया गया। उन्हें संतोष सुमन के इस्तीफे से खाली पद पर मंत्री बना दिया गया है।

जीतन मांझी और उनके बेटे ने नीतीश कुमार पर पार्टी को खत्म करने की साजिश रचने का आरोप भी लगाया।  कुछ दिनों बाद उनकी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा महागठबंधन से अलग हो गई।  इसके कुछ दिनों बाद जीतन राम मांझी और उनकी पार्टी एनडीए का हिस्सा भी बन गए। फिलहाल वे भाजपा के साथ हैं और नीतीश सरकार के खिलाफ हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *