जरा संभलकर…, गाड़ी गुजरने पर कांपता है हाजीपुर-सोनपुर पुराना गंडक पुल; ब्रिटिश काल में बना था
हाजीपुर
संभलकर चलिए…हाजीपुर से सोनपुर को जोड़ने वाली पुराना गंडक पुल कांपता है। बारसात में पानी और समय पर विभाग द्वारा मरम्मत नहीं कराए जाने से जगह-जगह जंग लग गया है। इसके साथ ही पुल पर बने पैदल पथ का अंदर से सीमेंट का प्लास्टर झड़ रहा है। सीमेंट का प्लास्टर गिर जाने से लोहे का सरिया दिखाई देने लगा है। पानी लगने से पुल के अंदरूनी हस्सिों में भी जंग लगने से क्षति पहुंच रहा है। ऐसे में हादसे की आशंका बनी रहती है।
ब्रिटिश काल में बनाया गया था गंडक पुल
हाजीपुर से छपरा-सिवान को जोड़ने वाला गंडक पुल ब्रिटिश काल 1817 में बनाया गया था। उस समय रेल गाड़ी और माल गाड़ी का परिचालन किया जाता था। पुल कमजोर होने के बाद रेलवे ने नया पुल का नर्मिाण कराया था। इसके बाद गंडक पुल पर रेल का परिचालन बंद कर सभी प्रकार के वाहनों का परिचालन शुरू कर दिया गया। समय के साथ पुल मरम्मत नहीं होने से कमजोर होने लगा। पुल पर भारी वाहनों का परिचालन बंद कर दिया गया था। अब स्थिति यह हो गई है कि पुल पर छोटे वाहन के गुजरने से पुल कांपने लगता है।
सावन में पुरानी गंडक पुल पर बढ़ जाता वाहनों का दबाव
सावन में पुल पर वाहनों का दबाव ज्यादा बढ़ जाता है। बाबा हरिहरनाथ मंदिर में जाने के लिए दो पुल बने हैं। एक पुल रामाशीष चौक से होते हुए सोनपुर के लिए और दूसरा हाजीपुर-सोनपुर पुरानी गंडक पुल है। सावन माह में पुरानी गंडक पुल पर छोटे वाहनों का काफी दबाव रहता है। जिससे पुल पर जाम की भी समस्या बनी रहती है। इस पुल से कार, एसयूवी, मिनी एसयूवी, टेंपो, टोटो, मोटरसाइकिल, साइकिल सहित पैदल यात्री आते-जाते हैं। जब पुल से कोई वाहन गुजरते हैं तो कंपन महसूस होने लगता है। हालांकि जिला प्रशासन और पथ नर्मिाण विभाग की नजर इस पर अभी नहीं पड़ी है।
25 वर्षों में एक बार भी नहीं हुआ मरम्मत
स्थानीय लोगों के अनुसार बीते 25 वर्षों में एक बार भी पुल का मरम्मत का काम नहीं किया गया है। लोगों का कहना है कि पुल पर बने पैदल पथ सहित मुख्य पुल भी कमजोर हो गया है। हालांकि अधिकतर इस पुल से गुजरने वाले लोगों को यह पता नहीं किया यह पुल कमजोर हो गया है।
नौ पाये पर टिका है पुल
पुरानी गंडक पुल में नौ पाये पर बना है। जिसमें लगभग 20 से अधिक जगहों पर लोहा जंग लगाने से झड़ चुका है। इसके अलावे दोनों तरफ पैदल पथ पर के नीचे सीमेंट की परत नहीं है। पैदल चलने पर भी पुल थरथरता है। जिससे लोग भी पैदल पथ का उपयोग कम करते हैं। मेन लेन पर वाहनों का लोड बढ़ने पर बाईकर्स अपनी जान जोखिम डालकर धरल्ले से पैदल पथ का उपयोग करते हैं। उसमें भी बाईकर्स 25 से 30 किमी की रफ्तार में पुल पार करते हैं।
जिस लोहे के बिंब पर बेसिक लोड वह जर्जर हुआ
जिस लोहे के बिंब पर पुल को बेसिक लोड है। पानी लगने के वजह से वहां जंग लग चुका है। पुल का मरम्मत नहीं करने की वजह से पुल की स्थिति धीरे-धीरे खराब हो चुकी है। सोनपुर की ओर वाले हिस्से में पुल का बिंब लटक चुका है।
जल्द की जाएगी मरम्मत : कार्यपालक अभियंता
वैशाली पथ नर्मिाण विभाग के कार्यपालक अभियंता नवल किशोर सिंह ने कहा कि शुक्रवार को ही मेरी पोस्टिंग हाजीपुर में हुई है। पुल के बारे में जानकारी नहीं है। जानकारी मिली है अब जांच के बाद मरम्मत की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।