स्वतंत्रता दिवस से पहले खुफिया एजेंसियों ने जारी किया अलर्ट
नई दिल्ली।
स्वतंत्रता दिवस के दिन पूरे देश में बड़ी धूमधाम और उत्साह के साथ कार्यक्रम मनाया जाता है। दिल्ली में मुख्य समारोह लाल किले में आयोजित किया जा रहा है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे और राष्ट्र को संबोधित करेंगे। इससे पहले खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान और अफगान-पाक इलाके से उत्पन्न खतरों ने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
खुफिया एजेंसियों ने कहा है, "पाकिस्तान और अफगान-पाक बेल्ट से उत्पन्न खतरों के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा चिंता का विषय बना हुआ है। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35A की समाप्ती के बाद यह और अधिक तीव्र हो गया है।'' रिपोर्ट में आगे कहा गया है, "आईएसआई पाकिस्तान से सक्रिय आतंकवादी समूहों, विशेष रूप से लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) को हर तरीके से मदद कर रहा है। लश्कर और जेएम कई मौके पर साथ आए हैं। यह जम्मू-कश्मीर में उनके संभावित खतरे को बढ़ाता है।"
एजेंसियों के अनुसार, पाक स्थित आतंकवादी संगठन सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले लाउडस्पीकरों और एम्पलीफायरों के अंदर आईईडी छिपाने पर विचार कर रहे थे। इससे पता चला है कि उन्होंने आम और दैनिक उपयोग की वस्तुओं जैसे टॉर्च, कैमरा, इत्र की बोतलें और खिलौने आदि में आईईडी और बम तैयार किए हैं।
एजेंसियों ने कहा कि देश के विभिन्न आतंकवाद प्रभावित राज्यों में पहले जिस तरह के आईईडी बरामद हुए हैं, उसे ध्यान में रखते हुए घटना के पूरे क्षेत्र की पूरी तरह से जांच और सफाई की जानी चाहिए। आईईडी के विस्फोट के समय को एबीसीडी टाइमर द्वारा आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। इसे दूर से भी संचालित किया जा सकता है।
एजेंसियों ने कहा, "आईडीसी-2021 के लिए खतरा भीतरी इलाकों में स्थित इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) और प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी), सिख आतंकवादियों, उत्तर-पूर्वी विद्रोहियों, वामपंथी चरमपंथी (एलडब्ल्यूई), तत्वों और उनके सहयोगी हैं। इसके अलावा देश के विभिन्न हिस्सों में रोहिंग्या की उपस्थिति, भी चिंता बढ़ा रही है।" इसने आगे कहा, "विभिन्न सिख आतंकवादी संगठन पंजाब और पड़ोसी राज्यों में आतंकवादी गतिविधियों को सक्रिय करने के लिए पाक-आईएसआई के दबाव में हैं।"
एजेंसियों के अनुसार, सरकार की नीतियों के खिलाफ किसान समूहों और बेरोजगार युवाओं के बीच हालिया आंदोलनों के परिदृश्य को ध्यान में रखा जाना चाहिए ताकि किसी भी अवांछित परिस्थितियों से बचा जा सके। एजेंसियों ने कहा, "छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में वामपंथी चरमपंथी गतिविधियों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इसी तरह पूर्वोत्तर राज्यों में विद्रोही समूहों की गतिविधियों पर भी कड़ी निगरानी की आवश्यकता होगी।"
एजेंसियों ने कहा कि कई देशों के साथ भारत की लंबी भूमि और समुद्री अंतरराष्ट्रीय सीमाएं हैं, जो इन देशों के शत्रुतापूर्ण तत्वों द्वारा घुसपैठ की चपेट में हैं। एजेंसियों ने कहा कि लॉन्च पैड पर बड़ी संख्या में विभिन्न आतंकवादी समूहों की उपस्थिति का संकेत देने के लिए इनपुट मिले हैं। पाकिस्तान भारत में घुसपैठ करने के लिए एक उपयुक्त समय की तलाश में है।