प्रदेश में हुक्का बार चलाने पर 3 साल का कारावास और एक लाख रुपये का लगेगा अर्थदंड
भोपाल.
मध्य प्रदेश में हुक्का बार चलाने पर तीन साल कारावास और एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा होगी। इसके लिए गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को विधानसभा में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम 2003 में संशोधन का विधेयक प्रस्तुत किया। सदन में अब इस पर चर्चा होगी और पारित होने पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल को अनुमति के लिए भेजा जाएगा।
प्रदेश में अवैध रूप से चलाए जा रहे हुक्का बार को प्रतिबंधित करने की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी। दरअसल, हुक्का बार नशा और आपराधिक गतिविधियों के केंद्र बन रहे थे। इन्हें बंद करने का कोई स्पष्ट प्रविधान नहीं था। इसके कारण जब भी पुलिस कार्रवाई करती है तो संचालक न्यायालय चले जाते हैं और उन्हें स्थगन भी मिल जाता है।
इसे देखते हुए गृह विभाग ने गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के प्रविधानों का अध्ययन कर अधिनियम में संशोधन प्रस्तावित किया था, जिसे मंगलवार को विधानसभा में प्रस्तुत किया गया। इसमें प्रविधान किया गया है कि प्रदेश में कोई भी हुक्का बार का संचालन नहीं करेगा। यदि इसका उल्लंघन किया जाता है तो तीन वर्ष तक का कारावास और एक लाख रुपये तक का अर्थदंड लगाया जाएगा। कारावास की सजा एक साल से कम और अर्थदंड 50 हजार रुपये से कम नहीं होगा। हुक्का बार की सामग्री या वस्तु जब्त करने का अधिकार पुलिस उप निरीक्षक स्तर के अधिकारी को होगा।