पहलवान दिव्या पर AAP का वीडियो वार, वोट मोदी के लिए, नोट केजरीवाल से चाहिए
नई दिल्ली
हाल ही में कॉमनवेल्थ गेम में देश के लिए पदक जीतने वाली पहलवान दिव्या काकरान और केजरीवाल सरकार में आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज होता जा रहा है। एक तरफ जहां दिव्या ने केजरीवाल सरकार पर मदद नहीं करने का आरोप लगाया तो अब आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार इसके पीछे दलील दी है कि वह 2017 से यूपी के लिए खेल रही हैं। वहीं, अब 'आप' के नेताओं ने दिव्या के एक पुराने वीडियो के जरिए हमला किया है, जिसमें वह योगी और मोदी के लिए वोट की अपील करती दिख रही हैं। 'आप' नेताओं ने कहा है कि इन्हें वोट मोदी-योगी के लिए चाहिए और नोट केजरीवाल से।
आप नेता जिस पुराने वीडियो को शेयर कर रहे हैं जिसमें दिव्या उत्तर प्रदेश चुनाव में भाजपा के लिए वोट की अपील करती दिख रही हैं। इसमें वह कहती हैं, ''सभी बीजेपी को वोट दें क्योंकि आप सबको पता है कि हमारे मोदी जी ने योगी जी ने कितना सहयोग किया है सबके लिए, पहले कोई बाहर नहीं निकल सकता था, खेलकूद, सभी चीजों में दिक्कत थी। धीरे-धीरे सब चीजों में सुधार हो रहा है। स्कूल, अस्पताल खेल सभी में सुधार आया है।'' दिव्या यूपी के सहरानपुर में एक भाजपा उम्मीदवार के समर्थन में पहुंची थीं।
आप नेता शालिनी सिंह ने वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया, ''वोट खुलेआम योगी और मोदी जी के लिए मांगेंगी और नोट केजरीवाल जी से चाहिए। ये ठीक बात नहीं है। मेरा मानना है कि खिलाड़ियों को राजनीति से दूर ही रहनी चाहिए।'' उन्होंने आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने भी इस ट्वीट को साझा करते हुए लिखा, ''भाजपा का असली दर्द अब समझ आया।''
दिव्या ने क्या कहा
दिव्या ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ''मैं 2001 में दिल्ली आई थीं और 2006 में पहलवानी शुरू की थी। पूर्वी दिल्ली के गोकुलपुरी में किराए के घर में रही। 2017 तक मैं दिल्ली के लिए 58 पदक जीत चुकी थी। दिव्या ने कहा कि साल 2017 में वह खुद दिल्ली सरकार के पास मिलने गई थीं। मैंने मदद मांगी तो सरकार की ओर से कहा गया कि लिख कर दीजिए। मैंने यह भी किया लेकिन फिर भी उनकी ओर से कोई फोन-मेल नहीं आया। इसके बाद 2017 के आखिर से मैं यूपी की ओर से खेलने लगी।''
यूपी सरकार से मिली मदद
दिव्या ने कहा कि मुझे यूपी से आजीवन 20 हजार रुपये पेंशन प्रोत्साहन मिला है। दिल्ली सरकार से मेरी कोई दुश्मनी नहीं है। लेकिन अगर वो बाकी खिलाड़ियों की मदद करते हैं तो मेरी क्यों नहीं की।