विंबलडन खिताब जीतने वाली पहली गैरवरीय खिलाड़ी बनीं मार्केटा
लंदन.
चेक गणराज्य की 24 वर्षीय मार्केटा वोंड्रोसोवा ने विंबलडन ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने वालीं पेशेवर युगल में पहली गैर वरीय खिलाड़ी बन गई हैं। सेंटर कोर्ट की छत के नीचे खेले गए फाइनल में वोंड्रोसोवा ने उन्होंने फाइनल में ट्यूनीशिया की ओंस जेब्यूर को सीधे सेटों में 6-4, 6-4 से पराजित किया। जेब्यूर को लगातार दूसरी बार फाइनल में हार का सामना करना पड़ा।
हाथ पर टैटू, फेडरर की मुरीद
ओंस को दर्शकों से काफी समर्थन मिल रहा था और उन्होंने शुरुआती दो गेम जीतकर अच्छी शुरुआत भी की थी लेकिन दुनिया की 42वीं रैंकिंग की मार्केटा ने जल्द नियंत्रण बना लिया और ओंस ने गलतियां करना शुरू कर दिया। ओंस ने फिर 4-2 की बढ़त बनाई लेकिन लगातार पांच गेम गंवाने के कारण उन्हें पहला सेट गंवाना पड़ा। वोंड्रोसोवा को हाथ पर टैटू बनवाना काफी पसंद है। वह स्विट्जरलैंड के दिग्गज रोजर फेडरर की बड़ी फैन हैं। दूसरे सेट में ओंस ने टक्कर देने की कोशिश की। एक समय स्कोर 4-4 था। मार्केटा ने अपना पहला मैच प्वाइंट डबल फाल्ट के साथ गंवा दिया लेकिन फिर वॉली के साथ मैच अपने कब्जे में कर लिया और खुशी के मारे कोर्ट पर ही लेट गईं। उन्हें अपनी जीत पर विश्वास नहीं हो रहा था। बाद में परिजनों से मिलने दर्शक दीर्घा में भी गईं।
नौ महीने पहले बनी थीं मां
वोंड्रोसोवा की यह जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि नौ माह पहले ही वोंड्रोसोवा मां बनी हैं। पिछले साल वोंड्रोसोवा ने कलाई की सर्जरी कराई थी और हिस्सा नहीं ले सकी थी। इस बार उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और अपने खिताबी सफर के दौरान क्वार्टर फाइनल में अमेरिका की जेसिका पेगुला और सेमीफाइनल में यूक्रने की एलिना स्वितोलिना को उलटफेर में पराजित किया।
हार के बाद भावुक हो गईं ओंस
ओंस को लगातार दूसरी बार खिताबी मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। अगर वह जीत जातीं तो ग्रैंडस्लैम जीतने वालीं पहली अरबी खिलाड़ी बनती लेकिन वोंड्रोसोवा ने उनके सपने को तोड़ दिया। ओंस हार के बाद भावुक हो गईं, उन्होंने कहा कि यह मेरे कॅरिअर की सबसे पीड़ादायक हार है।
चार साल की उम्र में उठाया था रैकेट
चार साल की उम्र में पिता के साथ शुरू किया था टेनिस खेलना। जूनियर में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी रह चुकीं वोंड्रोसोवा ने 2014 में चेक गणराज्य में अंतरराष्ट्रीय टेनिस फेडरेशन (आईटीएफ) सर्किट में खेलना शुरू किया। अगले ही साल दो आईटीएफ एकल और तीन युगल खिताब जीते। उन्होंने 2017 में पहली बार फ्रेंच ओपन, यूएस ओपन और विंबलडन में खेलीं। 2015 में ही शीर्ष सौ खिलाड़ियों में आ गईं और बिएल ओपन के रूप में अपना पहला आईटीएफ खिताब जीता। वोंड्रोसोवा ने 2019 के फ्रेंच ओपन के फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन ऑस्ट्रेलिया की ऐश बार्टी से हार गईं। इसके अलावा हमवतन बारबोरा स्ट्राइकोवा के साथ ऑस्ट्रेलिया ओपन के युगल सेमीफाइनल में भी पहुंची थीं।