चीन की ये कंपनियां NYSE से जल्द हो जाएंगी डीलिस्ट, जानिए क्या है कारण
नई दिल्ली
कुछ दिन पहले चीन ने न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE) द्वारा चीन की तीन बड़ी दूरसंचार कंपनियों को एक्सचेंज से हटाने की घोषणा पर जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। वहीं, आज शुक्रवार को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज ने अपना रुख साफ कर लिया है। जानकारी के मुताबिक, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE) ने चीन की कई सरकारी कंपनियों को डीलिस्ट करने की बात कही है। इससे अमेरिका व चीन के बीच तनाव और बढ़ सकता है।
डीलिस्टिंग के लिए आवेदन करेंगी चीन की ये सरकारी कंपनियां
जानकारी के मुताबिक, इन कंपनियों में चाइना लाइफ इंश्योरेंस (601628.SS), तेल की बड़ी कंपनी सिनोपेक (600028.SS) और पेट्रो चाइना (601857.SS) भी शामिल हैं, जिसने अलग-अलग बयानों में कहा कि वे न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज से अपने अमेरिकी डिपॉजिटरी शेयरों की डीलिस्टिंग के लिए आवेदन करेंगी।
क्या है डीलिस्ट होने की वजह
जाहिर है कि अपनी मर्जी से ही चीन की ये कंपनियां डीलिस्ट हो रही हैं। इसके पीछे एक बड़ी वजह है। दरअसल, चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका लंबे समय से चल रहे ऑडिट विवाद को हल करने के लिए बातचीत कर रहे हैं, जिसमें चीनी कंपनियों को अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज से हटाने की चेतावनी दी गई थी। जानकारी के मुताबिक, कुछ चीनी कंपनियां को अमेरिका के ऑडिट नियमों का पालन नहीं कर रही थीं, जिसको लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था।
इस विवाद पर क्या कहता है चीन?
हालांकि, इस पर चाइना सिक्योरिटीज रेगुलेटरी कमीशन (CSRC) ने एक बयान में कहा कि इन कंपनियों ने अमेरिका में लिस्टिंग होने के बाद से अमेरिकी पूंजी बाजार के नियमों और नियामक आवश्यकताओं का सख्ती से पालन किया है और अपने स्वयं के व्यावसायिक भविष्य को देखते हुए डीलिस्टिंग का विकल्प अपनाया है। आपको बता दें कि चीन की कुछ कंपनियों को अमेरिकी नियामकों के ऑडिटिंग मानकों को पूरा न करने के रूप में पहचाने जाने के बाद कंपनियों को मई में होल्डिंग फॉरेन कंपनीज एकाउंटेबल एक्ट (एचएफसीएए) लिस्ट में जोड़ा गया था। हालांकि, शुक्रवार को कंपनियों के अलग-अलग बयानों में ऑडिटिंग विवादों का कोई सीधा जिक्र नहीं था।