September 30, 2024

जिस कर्नाटक में हो रही विपक्षी मीटिंग, वहीं मिला झटका; JDS को NDA के न्योते का है इंतजार

0

 नई दिल्ली
पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल सेक्यूलर के नेता एचडी देवगौड़ा ने विपक्षी एकता की मुहिम को झटका देते हुए 26 दलों की दो दिवसीय महाबैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया है। बेंगलुरु में आयोजित इस बैठक से खुद को दूर रखते हुए देवगौड़ा ने कहा है कि उन्हें बीजेपी की अगुवाई में होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से औपचारिक निमंत्रण मिलने का इंतजार है।

जेडीएस के सूत्रों ने कहा कि उनकी पार्टी ने कर्नाटक में स्थानीय नेतृत्व से संबंधित मुद्दों पर भाजपा नेतृत्व के समक्ष एक प्रस्ताव रखा है। इसलिए आगे की रणनीति बहुत कुछ उस प्रस्ताव के नतीजे पर निर्भर करेगा। उधर, बीजेपी के राज्य महामंत्री ने कहा है कि उनकी पार्टी ने जेडीएस को औपचारिक निमंत्रण भेज दिया है। इस बीच, पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा ने TOI से कहा, " विपक्षी दलों की बैठक में जेडी(एस) के भाग लेने का कोई सवाल ही नहीं है, लेकिन हम एनडीए की बैठक में भाग लेंगे। हालांकि, हमें अभी तक भाजपा प्रमुख से आधिकारिक निमंत्रण नहीं मिला है। निमंत्रण मिलने के बाद हम अपना रुख बताएंगे।"

दरअसल, जेडीएस ने बीजेपी को प्रस्ताव दिया है कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारास्वामी को दिया जाय। बीजेपी ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं किया है और अभी तक वह पद खाली है। जेडीएस और बीजेपी की दोस्ती बहुत हद तक इस प्रस्ताव पर भी निर्भर करेगा। बता दें कि दोनों ही पार्टियों के सीनियर नेता कर्नाटक में आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर चुनाव पूर्व गठबंधन करना चाहते हैं। दोनों ही दलों में इस पर कई दौर का चर्चा भी हो चुकी है लेकिन अभी तक उसका औपचारिक ऐलान नहीं हो सका है।

बीजेपी केंद्र में सत्ता की हैट्रिक लगाने के लिए जेडीएस जैसे दलों के साथ गठबंधन करने को इच्छुक है। कर्नाटक चुनाव में बीजेपी की हार के बाद पार्टी एनडीए का कुनबा बढ़ाने के लिए प्रयत्नशील है। 2019 के लोकसभा चुनावों में 303 सीटें जीतने वाली बीजेपी 2024 के लिए सहयोगियों पर निर्भरता बढ़ाने जा रही है। इस दिशा में कर्नाटक में जेडीएस बीजेपी की बड़ी सहायक पार्टी हो सकती है। कर्नाटक इसलिए भी अहम है क्योंकि राज्य में लोकसभा की 28 सीटें हैं। फिलहाल 25 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है लेकिन हालिया चुनाव के नतीजों ने बीजेपी की चिंता बढ़ा दी है।

जेडीएस की भी बीजेपी के साथ गठबंधन करने की मजबूरी है। विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद पार्टी लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करना चाह रही है, इसलिए बीजेपी के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। बीजेपी नेताओं के एक वर्ग ने जेडीएस को बीजेपी में विलय की सलाह दी थी जिसे जेडीएस ने खारिज कर दिया है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *