बेउर जेल तोड़ने की थी साजिश, बाहुबली अनंत सिंह सहित 32 कैदियों पर केस दर्ज; पूर्व विधायक पर लगे गंभीर आरोप
पटना
पटना के बेउर जेल में रविवार को दिन भर हुए बवाल मामले में राजद के पूर्व विधायक और बाहुबली अनंत सिंह की मुश्किलें बढ़ गई है। जेल अधीक्षक ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अनंत सिंह और उनके समर्थकों के हंगामे के पीछे की मंशा जेल पर कब्जा जमाना और कैदियों को जेल से भगाना था। जेल अधीक्षक ने इस मामले में लिखित शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें पूर्व विधायक अनंत सिंह समेत 32 कैदियों को घटना के लिए दोषी ठहराया गया है। इसमें अनंत सिंह की बैरक और डिविजन खंड का दरवाजा खुला रह जाने का उल्लेख नहीं है, जबकि गेट खुले रहने के कारण ही अनंत सिंह ने कारा प्रशासन पर हत्या कराने की आशंका जताते हुए अपने समर्थकों के साथ बवाल काटा था।
पूरे मामले को लेकर जिलाधिकारी डा. चंद्रशेखर सिंह ने सदर एसडीएम और फुलवारीशरीफ एएसपी से 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी है, लेकिन इसके पहले ही बवाल के लिए कैदियों को जिम्मेदार बता दिया गया। बड़ी बात यह है कि प्राथमिकी में अधीक्षक ने हालात नियंत्रित करने के लिए कैदियों पर हल्का बल प्रयोग करने की बात स्वीकार की है। हालांकि, इस दौरान कितने बंदी घायल या चोटिल हुए, इसका उल्लेख नहीं है। डीएम द्वारा गठित टीम की जांच रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं हुई है। एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि बेउर थाने में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मामले की जांच की जा रही है।
कक्षपालों की पिटाई कर चाबी छीनी
प्राथमिकी में जेल अधीक्षक ने लिखा कि बंदियों ने कारा प्रशासन पर बेवजह दबाव बनाया। उनके इस कृत्य से कोई भी अप्रिय घटना घट सकती थी। 16 जुलाई की सुबह अनंत सिंह और उनके समर्थकों ने डिवीजन खंड में तैनात कक्षपाल अनिरुद्ध कुमार बैठा की पिटाई की। बीच-बचाव करने आए सहायक अधीक्षक भूटेश कुमार को भी पीटा।
इसके बाद कारा के सिंगल सेल में पहुंचकर वहां उपस्थित कक्षपाल संजीव कुमार शाह और गौतम कुमार की पिटाई की और चाबी छीन ली। कैदियों ने सीसी कैमरे भी क्षतिग्रस्त कर दिए। सेल में बंद बंदियों को बाहर निकाल दिया। मारपीट में जेल उपाधीक्षक राजेश कुमार सिंह, सहायक अधीक्षक भूटेश कुमार, कौशल किशोर प्रसाद एवं नीरज कुमार रजक, कक्षपाल संजीव कुमार साह, अमित कुमार बैठा, भरत कुमार, गौतम कुमार, संदीप कुमार, संतोष कुमार और रोशन कुमार को चोटें आई थीं। उनका इलाज कारा अस्पताल में ही किया गया था।
इनके खिलाफ दर्ज हुई थी प्राथमिकी
कारा प्रशासन की ओर से मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह, गेड़ा, गंगा गौतम, गौतम कुमार उर्फ चीकू दया, गौतम कुमार (पिता छेदी राय), गौतम कुमार (पिता अवधेश सिंह), मोहम्मद आफताब आलम, फिरोज, आफताब, पिंटू यादव, साजन कुमार, सनी कुमार, राकी कुमार, करण कुमार, करण सिन्हा, राजू कुमार, रितेश कुमार, संजीव कुमार, नीरज कुमार, गिरधारी यादव, नीतीश यादव, पंकज यादव, नवल राय, अतुल राज, सौरभ कुमार गुप्ता, बलदेव सिंह, साहिल राज, बबलू कुमार, शिवम कुमार शर्मा, कन्हैया सिंह और दिवाकर यादव पर प्राथमिकी कराई गई थी। पूर्व विधायक को छोड़ कर उनके सभी समर्थकों को भागलपुर और मुजफ्फरपुर की जेलों में शिफ्ट कराया जा चुका है।