September 29, 2024

यूपी में ग्रामीण आबादी का जीवन स्तर सुधरा, इन जिलों में ज्यादा अपडेट हुए लोग

0

यूपी
उत्तर प्रदेश में बीते पांच सालों में शहरों की तुलना में ग्रामीण इलाके में रहने वाली आबादी के जीवन स्तर में ज्यादा तेजी से सुधार हुआ है। इन वर्षों में ग्रामीण इलाके में जहां गरीबों की आबादी में 18 फीसदी की गिरवाट आई है, वहीं शहरों में महज़ 6 फीसदी की कमी आई है। यही नहीं पूर्वांचल के शहरों में लोगों का जीवन स्तर ज्यादा तेजी से बेहतर हुआ है जबकि पश्चमी यूपी में गरीबों की संख्या अपेक्षाकृत धीमी गति से कम हुई है। नीति आयोग ने वर्ष 2015-16 से वर्ष 2019-21 की तुलनात्मक अध्ययन किया है। आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट में यूपी के संबंध में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। यूपी के पड़ोसी राज्यों में ग्रामीणों के रहन-सहन में सुधार पर नज़र डालें तो बिहार में ग्रामीण आबादी 18.13 फीसदी, मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा 20 फीसदी, छत्तीसगढ़ में 16 फीसदी और उत्तराखंड में महज़ 6 फीसदी आबादी के गरीबी रेखा से बाहर हुई है।
 

पूर्वांचल में विकास की तेज रफ्तार
पूर्वांचल के शहरों पर नज़र डालें तो वहां के लोगों को बीते पांच सालों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, शौचालय आदि की सुविधाएं तेजी से मिली हैं। मसलन, महाराजगंज, गाजीपुर, कुशीनगर, बस्ती, जौनपुर, अयोध्या, सिद्धार्थनगर,बलिया, सोनभद्र, मऊ, वाराणसी, गोरखपुर, श्रावस्ती आदि शहरों में गरीबी की रेखा से बाहर आने वाले या यूं कहें जीवनस्तर में सुधार होने का आंकड़ा 11 से 29 फीसदी के बीच है। महाराजगंज में 29.64 फीसदी, गोंडा में 29.55 फीसदी, बलरामपुर में 27.90 फीसदी श्रावस्ती में 24.72 फीसदी लोग गरीबी रेखा से बाहर आए।

पश्चिमी यूपी में कम है सुधार का ग्राफ
पश्चिमी यूपी के जिलों पर नज़र डालें तो ऐसे लोग जिनके जीवन स्तर में सुधार हुआ है वे 3 फीसदी से 17 फीसदी तक हैं। मसलन, गौतमबुद्धनगर में सिर्फ 3 फीसदी लोग ही गरीबी रेखा से बाहर आ सके। मेरठ में 9.51, बागपत में 7.44 फीसदी और रामपुर में 15.65 वहीं बुलंदशहर में 15.45 फीसदी लोगों के जीवन में सुधार हुआ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *