ग्रामीणों के निवेदन पर उफनते नदी को पार करते हुए अबूझमाड़ के अंतिम छोड़ पहुंचा स्वास्थ्य अमला
नारायणपुर
राज्य शासन की मंशानुरूप प्रदेश के सभी क्षेत्रों में खासकर अंदरूनी और आदिवासी बाहुल्य ईलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध करायी जा रही है। कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी ने अबूझमाड़ के अंतिम छोर डूंगा, रेकावाया और पीडियाकोट क्षेत्र में बारिश में मौसमी बीमारी और मलेरिया के मरीजों की अधिक संख्या सम्बन्धी सूचना को गम्भीरता से लेते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को तत्काल डूंगा, रेकावाया और पीडियाकोट क्षेत्र में मेडिकल टीम भेजकर स्वास्थ्य जांच करने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य विभाग की टीम नारायणपुर जिले के अबूझ कहे जाने वाले ओरछा विकासखंड (अबूझमाड़) के धुर नक्सल प्रभावित, घने जंगलों, पहाड़ों और उफनते नदी को पार करते हुए गांव डूंगा, रेकावाया और पीडियाकोट में स्वास्थ्य विभाग का 9 सदस्यीय अमला पहुंचा और वहां स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर 162 ग्रामीणों और स्कूली बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय समय पर चलने वाले अन्य अभियान का भी क्रियान्वयन स्वास्थ्य अमले द्वारा इन क्षेत्रों में पहुंचकर सफलतापूर्वक किया गया है और वहां के बच्चों एवं ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दी जा रही हैं।
खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ डोरपा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा बीते 4 अगस्त को ओरछा विकासखंड के अंतिम छोड़ के गांव डूंगा, रेकावाया और पीडियाकोट पहुंचकर वहां के ग्रामीणों से घर-घर जाकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली गयी। जांच के दौरान चिकित्सा दल द्वारा ग्रामीणों को मलेरिया से बचाव हेतु जानकारी दी और ग्रामीणों से अन्य बीमारी से संबंधी भी जानकारी ली। ग्रामीणों ने बताया कि बारिश की वजह से मौसमी बीमारी और मलेरिया के कारण गांव में अधिकतर लोग बीमार हैं। स्वास्थ्य टीम द्वारा स्वास्थ्य शिविर में आये मरीजों को जांच कर मौके पर उपचार किया गया। उपचार में 78 लोग मलेरिया पॉजिटिव मिले एवं अन्य लोगों में अलग-अलग बीमारियों से पीड़ित थे।
विदित हो कि डूंगा, रेकावाया और पीडियाकोट नारायणपुर जिले के ऐसे गांव है, जहां जाने के लिए बीजापुर और दंतेवाड़ा की ओर से नदी-नालों को पार कर पहुंचा जाता है। स्वास्थ्य टीम भी इसी मार्ग के जरिये इन गांवों में पहुंचा और मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें आवश्यकतानुसार जीवनरक्षक दवाईयों का नि:शुल्क वितरण किया। स्वास्थ्य टीम ने बताया कि 4 अगस्त को टीम ओरछा से डूंगा के किये निकले जाते समय बारिश कम हो रही थी, नदी नाले में भी जल स्तर कम था। गांव में पहुँचते ही तेज बारिश होनी शुरू हो गयी, स्वास्थ्य टीम का लक्ष्य था कि इस क्षेत्र के सभी गांव के ग्रामीणों का स्वास्थ्य जांच उपरांत ही टीम वापस जाएगी। बारिश के कारण गांव, पारा-मोहल्ले में जांच करते हुये 5-6 दिन बीत चुके। बारिश के कारण नदी उफान पर था वापस नगर सेना के रेस्क्यू दल की मदद से 10 अगस्त को नदी पार कर सुरक्षित वापस लौटे।
कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी भी जिले की स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति सजग एवं संवेदनशील है। कलेक्टर रघुवंशी स्वयं समय समय पर स्वास्थ्य विभाग की मीटिंग लेकर जिले के लोगों को और अधिक बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराने एवं अंदरूनी क्षेत्रों तक पहुंच बनाने के लिए योजना तैयार कर, कार्य को प्राथमिकता से किया जा रहा है। कलेक्टर रघुवंशी ने कहा कि जिला प्रशासन जिले में और अबूझमाड़ क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को और अधिक बेहतर बनाने के लिए संकल्पित है। स्वास्थ्य विभाग के अमले के द्वारा अंदरूनी एवं पहुंचविहीन गांवों में जाकर लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाना सराहनीय है।