November 30, 2024

ऑस्ट्रेलियाई समुद्र तट पर बहकर आया अंतरिक्ष मलबा, इसरो करेगा अध्ययन, क्या पीएसएलवी का हिस्सा है?

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चेन्नई
जब भारतीय अपने चंद्रयान-3 के चांद पर उतरने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, तो ऐसे समय में ऑस्ट्रेलिया से आई एक तस्वीर ने टेंशन पैदा कर दी। जी हां, ऑस्ट्रेलिया के समुद्री तट पर गुंबद के आकार की एक विशाल रहस्यमय वस्तु बहकर आई है, हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि यह भारतीय अंतरिक्ष संस्थान (इसरो) के पीएसएलवी प्रक्षेपण यान का हिस्सा है या नहीं, जिसके इसरो ने कुछ समय पहले ही लॉन्च किया था।

ऑस्ट्रेलिया की अंतरिक्ष एजेंसी ने एक ट्वीट में कहा, “हम वर्तमान में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में ज्यूरियन खाड़ी के पास एक समुद्र तट पर स्थित इस वस्तु के बारे में जांच कर रहे हैं।” एजेंसी ने कहा, 'वस्तु किसी विदेशी अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान से संबंधित हो सकती है और हम वैश्विक अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ संपर्क कर रहे हैं जो अधिक जानकारी प्रदान करने में सक्षम हो सकते हैं।”

एजेंसी ट्वीट में कहा, “अगर समुदाय को कोई और संदिग्ध मलबा दिखता है, तो उन्हें स्थानीय अधिकारियों को इसकी सूचना देनी चाहिए और एसपीएसीई.एमओएनआईटीओआरआईएनजी@एसपीएसीई.जीओवी.एयू के माध्यम से ऑस्ट्रेलियाई अंतरिक्ष एजेंसी को सूचित करना चाहिए।”

ऑस्ट्रेलियाई अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, “हम मलबा शमन सहित बाहरी अंतरिक्ष गतिविधियों की दीर्घकालिक स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर उजागर करना जारी रखेंगे।”

इस बीच अटकलें लगाई जा रही है कि ऑस्ट्रेलिया में मिला मलबा इसरो के पीएसएलवी प्रक्षेपण यान का हिस्सा हो सकता है। इसरो के सूत्र न तो इसकी पुष्टि की और न ही इससे इनकार किया कि ज्यूरियन खाड़ी के पास पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के समुद्र तट पर बहकर आई विशाल वस्तु उसके पीएसएलवी रॉकेट का हिस्सा है या नहीं। सूत्रों ने कहा, “इसे प्रत्यक्ष रूप से देखे बिना और इसकी जांच किए बिना कुछ भी नहीं कहा जा सकता (चाहे यह पीएसएलवी का मलबा है)।”

उन्होंने कहा, 'हम इसे व्यक्तिगत रूप से देखे बिना और इसकी जांच किए बिना इसके बारे में किसी भी बात की पुष्टि या खंडन नहीं कर सकते हैं।' उन्होंने कहा कि यह तभी पता लगाया जा सकता है, जब ऑस्ट्रेलियाई अंतरिक्ष एजेंसी उस वस्तु का वीडियो भेजेगी।
सूत्रों ने कहा, "हमें यह देखना होगा कि क्या इस पर कोई निशान हैं। यदि आवश्यक हुआ, तो इसरो अधिकारी यह पुष्टि करने के लिए वहां जा सकते हैं कि यह भारतीय रॉकेट का है या नहीं।"

 

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