September 28, 2024

मुफ्त योजनाओं को लेकर सरकार के विरोध में विपक्ष, उत्तरी राज्यों के मुकाबले दक्षिण में पहले शुरू हुईं ऐसी घोषणाएं

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 नई दिल्ली
 
चुनाव में मुफ्त योजनाओं की घोषणा को लेकर मामला अदालत में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेवड़ी कल्चर की बात कर सरकार और भाजपा का रुख साफ कर दिया है। वहीं, इस मुद्दे पर विपक्ष हमलावर है। चुनाव में मुफ्त योजनाओं की घोषणा लगभग सभी दल करते रहे हैं। हालांकि, दक्षिण में मुफ्त योजनाओं की शुरुआत उत्तर भारत के मुकाबले काफी पहले हो गई थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के रुख पर सवाल उठा चुके हैं। रालोद के अध्यक्ष जयंत चौधरी भी इस विषय पर केंद्र से सवाल कर रहे हैं। उनका कहना है कि चुनाव के दौरान किए जाने वाले ज्यादातर वादों को घोषणा पत्र का हिस्सा नहीं बनाना भाजपा के लिए सही हो सकता है, पर हमने रैली में किए वादे घोषणा पत्र में शामिल किए हैं। मुफ्त योजनाओं की घोषणा पर कांग्रेस का रुख भी साफ है। पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि पार्टी लोगों के सशक्तिकरण के खिलाफ नहीं है। पार्टी चुनाव में कोई वादा करती है, तो यह बताती है कि उसे किस तरह पूरा किया जाएगा। इसके लिए संसाधन कहां से आएगें। लोगों से सिर्फ वही वादे किए जाने चाहिए, जिन वादों को पूरा किया जा सके।

5.8 लाख करोड़ के बैंक कर्ज बट्टे खाते में क्यों डाले: कांग्रेस
पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि रेवड़ियों पर चर्चा तो बहुत होती है, पर बड़े उद्योगपतियों को गजक बांटी जा रही है, उस पर कोई बहस नहीं होती है। उन्होंने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि 5.8 लाख करोड़ रुपये के बैंक ऋण बट्टे खाते में क्यों डाले गए। करीब 1.45 लाख करोड़ रुपये के कॉरपोरेट कर को क्यों कम किया गया। हिमाचल प्रदेश चुनाव में भी कांग्रेस ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 300 यूनिट मुफ्त बिजली का वादा किया है। इसके साथ सत्ता में आने पर 18 से 60 साल की आयु की महिलाओं को 1500 रुपये हर महीने वित्तीय सहायता की घोषणा की है। पार्टी ने पंजाब और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी मतदाताओं से सत्ता में आने पर कई मुफ्त योजनाओं का चुनावी वादा किया था। दक्षिणी राज्यों में मुफ्त योजनाओं की घोषणा और उन्हें पूरा करती रही है। तमिलनाडु में डीएमके और एआईडीएमके दोनों पार्टियां ऐसे वादे करती हैं। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने भी मुफ्त पानी, बुजुर्गों को पेंशन और किसानों को सहायता सहित कई चुनावी वादे किए थे। ऐसे में मुफ्त योजनाओं को लेकर लगभग सभी विपक्षी दल सरकार के रुख के खिलाफ हैं।

महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा 'आर्थिक क्रांति': स्टालिन
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने शुक्रवार को कहा कि महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा की सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की प्रमुख पहल को मुफ्त की रेवड़ी वाली संकीर्ण सोच के दायरे में नहीं रखना चाहिए। यह एक आर्थिक क्रांति है। तमिलनाडु राज्य योजना आयोग की तीसरी बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना ने लाभार्थियों के परिवारों के लिए 8-12 प्रतिशत की बचत सुनिश्चित की है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा ने लोगों के दिलों में जगह बना ली है। स्टालिन ने कहा कि इसके 80 प्रतिशत लाभार्थी पिछड़े और आदि द्रविड़ समुदायों से हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के कारण, (लाभार्थियों के) परिवारों को अपनी आय में 8-12 प्रतिशत बचत दिखाई देती है जिसे मैं एक आर्थिक क्रांति कहूंगा। इसलिए, महिलाओं के लिए इस योजना को मुफ्त की रेवड़ी वाली संकीर्ण सोच के दायरे में सीमित करने के बजाय, इसे गरीबों के बीच एक आर्थिक क्रांति के रूप में देखा जाना चाहिए।

 

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