प्रियंका बोलीं – जनता का ध्यान भटकाने नहीं आई हूं. महंगाई का मुद्दा है. मैं उस पर बात करने आई हूं.
ग्वालियर .
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका वाड्रा ने कहा कि प्रदेश में पैसों से खरीदी सरकार है। ऐसे में प्रदेश में लूट व घोआले तो होंगे ही। मैं ग्वालियर आ रही थी तो कई साथियों ने मुझे मुद्दे भेजे। कौन कौन से मुद्दे ग्वालियर व मध्यप्रदेश में महत्वपूर्ण है। जब मुद्दों को पढ़ रही थी। तो लगा कि ज्यादातर नकारात्मक बाते हैं। तो मन में आया कि आज हमारी राजनीति आरोप प्रत्यारोप में फंस गई है। इससे बढ़कर भी कुछ बात कर सकते हैं।
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भाषण की शुरुआत ‘बहुत इंतजार कराया आपको..’ से की. इसके बाद उन्होंने सभी नेताओं के नाम लेकर अभिवादन किया. उन्होंने जनता को राम-राम किया. बुंदेलखंड भाषा में संबोधित किया. प्रियंका ने कहा कि दादी इंदिरा गांधी ने रानी लक्ष्मीबाई और महिलाओं की बहादुरी की कहानियां सुनाती थीं. क्या हमारी राजनीति आज केवल आरोप-प्रत्यारोप में फंस गई थी. क्या हम उससे ऊपर उठ सकते हैं. क्या हम जनता की बातें कर सकते हैं. स्वतंत्रता आंदोलन से भारतीय लोकतंत्र की नींव डली थी. वो सत्याग्रह था. वो सत्य की लड़ाई थी. हमारे देश की परंपरा रही है कि हम नेताओं में सभ्यता, सरलता, सादगी और सच्चाई ढूंढते हैं.
प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं यहां किसी की बुराई करने या जनता का ध्यान भटकाने नहीं आई हूं. महंगाई का मुद्दा है. मैं उस पर बात करने आई हूं. आपकी छत टपक रही है, मरम्मत महंगी हो गई है. स्कूलों की फीस, छाता खरीदना महंगा हो गया है. महंगाई आपके जीवन पर बोझ बन गई है. आप किस तरह गुजारा कर रही हैं, मैं समझ नहीं पा रही हूं. गैस सिलेंडर में गैस भरना मुश्किल हो गया है. दवाई कहां से लाऊं, ये सोचना पड़ता है. नेताओं को बताना पडे़गा कि महंगाई क्यों हैं. पूरी संपत्ति एक या दो ही व्यापारियों के पास क्यों है. प्रदेश में पटवारी घोटाला हुआ है. चुनाव के पहले स्कीम बनाने का क्या फायदा है. 18 साल से आप सरकार में हैं. तब तो आपने कुछ दिया नहीं.
विपक्ष के नेता आए। प्रधानमंत्री का बयान आया। जितने भी विपक्ष के नेता हैै और पार्टी हैं, सभी को चोर बोल डाला। वरिष्ठ नेता, पार्टियों के नेता जिनका अादर है,उनका अपमान कर दिया प्रधानमंत्री का। दो महीनों से मणिपुर जल रहा है। महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहा है। पिछले 77 दिन से कोई बयान नहीं दिया। कोई एक्शन नहीं लिया। कल मजबूरी में एक बयान दिया, उन प्रदेशों का जिक्र किया जिनमें विपक्ष की सरकार है।
सिंधिया की अचानक ही विचारधारा पलट गई। आज में आपके मुद्दों पर बात करने आई हूं। आज सबसे बड़ा मुद्दा महंगाई है। जब टमाटर डेढ़ सौ में खरीद नहीं सकते। जब घर में बारिश हो रही है, मरम्मत महंगी हो रही है। फीस भरना मुश्किल हो गया है। पूरे जीवन पर एक बड़ा बोझ बन गई है महंगाई है। यह बात आपके जीवन की है। यह बताना पड़ेगा यह महगाई क्यो हैं। यह जवाब मांगना है कि एक सरकार क्यों है देश में जिसने पूरी पूरी संपत्ति एक या दो बिजनेशमैन को बेच दी है।
कांग्रेस आपके लिए कुछ वादे और कुछ गारंटी लाई है। हमारी जहां सरकार है, वहां हमने जो गारंटी दी वो निभाई जा रही है। चाहे आप कर्नाटक, राजस्थान में देखें तो जो वादे किए थे वो निभाए जा रहे हैं। राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल में पुरानी पेंशन स्कीम लागू है। जब आप सरकारी नौकरी लेने जाते हैं तो उसकी सबसे बड़ी बात क्या होती है, जीवन के लिए सुरक्षा, आपको पेंशन मिलेगी। लेकिन आज सरकारी कर्मचारियों को आज पेंशन नहीं मिलती। जहां कांग्रेस की सरकार है वहां पुरानी पेंशन लागू है। पुरानी पेंशन यहां भी लागू होगी। मेरी बहनों के खाते में सीधे 1500 रुपये डाले जाएंगे। गैस का सिलेंडर 500 रुपये में दिया जाएगा। 100 यूनिट बिजली मुफ्त में मिलेगा। 200 यूनिट बिजली आधे दाम पर मिलेगा। किसानों के कर्ज माफी का काम सरकार बनने पर पूरा किया जाएगा।
आज छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है, 2600 रुपये धान मिल रहा है, हिमाचल में हमारी सरकार है वादे पूरे करने का काम शुरू है। कर्नाटक में महिलाएं बसों में मुफ्त में यात्रा कररही हैं। मध्यप्रदेश में प्रचंड बदलाव की लहर है। प्रचंड मतों से आप कांग्रेस की सरकार बनाइए, जो ना खरीदी जा सके ना गिराई जा सके। जो पूरे पांच साल आपकी सेवा कर सके। आपकी समस्याओं को सुलझाने काम करे। आपकी छोटी और बड़ी समस्याओं को सुलझाने का काम पहले दिन से किया जा सके। रास्ते में कुछ दिव्यांग लोग मिले उनकी पेंशन सिर्फ 600 रुपये है कमलनाथ जी जब आपकी सरकार बने तो उनका पेंशन जरूर बढ़ाइएगा। ये झांसी की रानी की धरती है। बड़े-बड़े यहां से महापुरुष हुए, अपने क्षेत्र के लिए अपनी धरती के लिए जी जान एक की। ग्वालियर वाले ए बारी मामा जी की भ्रष्ट सरकार बदलवे बारे हैं। एक बार हमाए संगे जोर से बोलो भाजपा जाएबे बारी है, कांग्रेस आएबे बारी है।