September 28, 2024

… देख लो, मिट गईं दूरियां! चाचा पारस से रिश्तों पर भतीजा चिराग ने दी प्रतिक्रिया, कह दी गंभीर बात

0

पटना

मिशन 2024 में थोड़ी तत्परता और तन्मयता से लग चुकी बीजेपी की हर एक सीट पर नजर है। चाहे उम्मीदवार पार्टी के हों  या फिर गठबंधन के साथी दलों के। अगली सरकार बनाने के लिए  हर सीट पर गंभीरता से उम्मीदवार चयन और जीत दर्ज करना बीजेपी का मकसद है। इसीलिए लोक जनशक्ति पार्टी के दोनों दलों को भाजपा साथ में लाना चाहती है । 18 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एनडीए की बैठक में इसकी झलक भी दिखी। मोदी के प्रयास से चिराग पासवान और पशुपति पारस चाचा-भतीजा की तरह एक दूसरे के गले मिले। लेकिन उसके बाद भी दोनों के बीच दूरियां अभी खत्म नहीं हुई हैं। हालांकि इसकी कवायद जारी है। जमुई सांसद चिराग पासवान ने चाचा से मिलन को लेकर अपनी बात कही  है।

चिराग पासवान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि चाचा  की लड़ाई राजनीतिक नहीं है बल्कि मामला पूरी तरीके से पारिवारिक है। इसलिए इस मामले में भी निर्णय चाचा को ही लेना है क्योंकि हमारे यहां फैसले बड़े करते हैं।  चिराग पासवान ने कहा कि पिताजी के निधन के बाद चाचा में अपने पिता की छवि देखी। कुछ परिस्थितियां आईं जिससे अलग हो गए। मेरी समझ में बात नहीं आई। लेकिन अलग होने का फैसला भी उन्हीं का था तो साथ होने का फैसला वही करेंगे। इसमें मुझे कुछ नहीं कहना है।
 
इससे पहले पशुपति पारस ने भतीजा चिराग पासवान को लेकर गहरी नाराजगी जताई थी। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि दिल टूटते हैं तो कभी नहीं मिलते हैं।  पिछले दिनों उन्होंने भतीजा को लेकर भी कठोर बात कही थी। लेकिन पीएम मोदी की मीटिंग में दोनों करीब से मिले।  इन तमाम सवालों पर चिराग पासवान ने कहा है कि मुझे कुछ नहीं कहना है । चाचा फैसला करेगें कि वह क्या करना चाहते हैं।फैसला उन्हें लेना है।  मुझे इसमें  कुछ नहीं करना है।

चिराग ने एक बार फिर दावा किया है कि जमूई और हाजीपुर से उनकी पार्टी चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि जमुई मेरी जिम्मेदारी है जबकि हाजीपुर का विकास मेरे पिता स्वर्गीय राम पासवान का सपना है।  उनके अधूरे काम को पूरा करना है। पिताजी हाजीपुर को अपनी मां मानते थे मैं हाजीपुर को नहीं छोड़ सकता।  उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का यह विशेषाधिकार है किसे किसी से मंत्री बनाएं।  उनका यह फैसला होगा तो कुछ कहा जाएगा। पहले कुछ बोलना ठीक नहीं है । हमने मंत्री बनने की लालसा से गठबंधन नहीं किया है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *