तेजी से आगे बढ़ते मध्यप्रदेश का उत्सव है विकास पर्व – मुख्यमंत्री चौहान
- हमारी सरकार ने विकास का नया इतिहास रचा
- मुख्यमंत्री चौहान ने मीडिया प्रतिनिधियों से की चर्चा
भोपाल.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है इसलिए हम विकास पर्व मना रहे हैं। हमारी सरकार ने प्रदेश में विकास का एक नया इतिहास रचा है। वर्ष 2003 के पहले जहाँ मध्यप्रदेश में एक लाख किलोमीटर टूटी-फूटी सड़कें हुआ करती थीं, वहीं आज 4 लाख 11 हजार किलोमीटर अच्छी सड़कें बनाकर प्रदेश की जनता को सौंपी गई हैं। प्रदेश में अब अटल एक्सप्रेस-वे, विंध्य एक्सप्रेस-वे, नर्मदा एक्सप्रेस-वे जैसे नए मार्गों का काम शुरू करने की तैयारी हो रही है। मुख्यमंत्री चौहान श्यामला हिल्स स्थित उद्यान में पौध-रोपण के बाद मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे थे।
ग्रामीण हो या शहरी विकास, प्रदेश में सभी क्षेत्रों में प्रगति
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की सिंचाई क्षमता पहले साढ़े 7 लाख हेक्टेयर थी, जिसे बढ़ाकर 47 लाख हेक्टेयर किया गया है। नई परियोजनाओं का शिलान्यास भी निरंतर जारी है। प्रतिदिन प्रदेश में हजारों करोड़ रुपये के विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण हो रहा हैं। पहले बिजली की उपलब्धता 2800 मेगावाट हुआ करती थी, अब 28 हजार मेगावाट बिजली बनाई जा रही है। ग्रामीण विकास हो या शहरी सभी दिशाओं में प्रगति है। प्रदेश में सीएम राइज स्कूल के भवन बन रहे है, प्रदेश में मेडिकल कॉलेज जहां 5 हुआ करते थे, अब 25 हो गए हैं। ये मेडिकल कॉलेज या तो बन रहे हैं या स्वीकृत हो गए हैं। स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, ग्लोबल स्किल पार्क, मेट्रो, मॉडल आईटीआई भवनों के निर्माण के रूप में विकास के कार्य चौतरफा पूरी गति से चल रहे हैं।
प्रदेश की जीएसडीपी का आकार 15 लाख करोड़ रुपये के आसपास
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। मुझे बताते हुए हर्ष है कि प्रदेश की ग्रोथ रेट, जो कभी माइनस में हुआ करती थी, वह अब 16 प्रतिशत से ऊपर है। मुझे बताते हुए गर्व है कि मध्यप्रदेश ने लगातार एक दशक से 18 प्रतिशत एग्रीकल्चर ग्रोथ रेट हासिल की है। वर्ष 2003 तक जहाँ 100 मीट्रिक अन्न का उत्पादन होता था, आज मध्यप्रदेश में 700 मीट्रिक टन अन्न उत्पादन हो रहा है। पहले पर कैपिटा इन्कम 11 हजार रुपये हुआ करती थी, आज यह 1 लाख 40 हजार रुपये हो गई है। अगर जीएसडीपी का आकार देखें तो कभी यह 71 हजार करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 15 लाख करोड़ रुपये के आसपास पहुँच गया है। देश की जीडीपी में मध्यप्रदेश का योगदान पहले केवल 3 प्रतिशत के आसपास हुआ करता था, जो अब 4.6 प्रतिशत हो गया है।