November 29, 2024

शहडोल में हनुमान मंदिर पर अधिकार को लेकर दो पक्ष भिड़े, सुरक्षा के लिए पुलिस को तैनात

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शहडोल

शहडोल जिले के देवलोंद थानांतर्गत ग्राम बुड़वा में स्थित महावीरन (हनुमान) मंदिर में दो पक्षों के बीच अधिकार को लेकर तनाव हो गया। विवाद इतना बढ़  गया कि मंदिर परिसर में प्रशासन के साथ पुलिस बल को तैनात करना पड़ गया।

विवाद की शुरुआत बुधवार को हुई थी। इसके बाद दोनों पक्ष मंदिर में अपना-अपना अधिकार जताने लगे। हालांकि, प्रशासनिक और पुलिस अमला मामले का पटाक्षेप कराने के प्रयास में लगा हुआ है। विवाद के बाद थाना देवलोंद में मंदिर के पुजारी उत्तम मिश्रा और रामसुशील तिवारी ने लिखित शिकायत दी थी। इसमें उल्लेखित है कि 19 जुलाई को सुबह साढ़े सात बजे जब वे मंदिर में पूजा करने वाले थे, उसी बीच सतपाल सिंह राजू, जयप्रकाश बैस मुन्ना, लवकुश बैस, अमित बैस गुड्डा, कमलनारायण बैस, संतोष बैस, अंगद बैस, नवल बैस, रितिक बैस, यादवेंद्र बैस, मोनू बैस, भूपेंद्र बैस गब्बर, बब्बू बैस आदि लोग मंदिर के गर्भगृह में घुस आए थे। जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए आरती की ज्योति बुझाकर आरती की थाली गिरा दी। दोनों का हाथ पकड़कर बाहर निकाल दिया। बोले कि अब कोई ब्राह्मण भंडारा नहीं चलाएगा। न ही कोई पुजारी रहेगा। इसके बाद मंदिर के गर्भगृह में ताला लगा दिया।

इस घटना के बाद बुधवार से मंदिर में पूजा-आरती बंद हो गई। धीरे-धीरे विवाद बढ़ने लगा। मंदिर में पुलिस बल तैनात किया गया। शुक्रवार शाम को पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में आरती कराई गई। विवाद की वजह भंडारे की राशि व मंदिर की जमीन को बताया जा रहा है। एसपी कुमार प्रतीक का कहना है कि फिलहाल वहां शांति है। फिर भी घटना को देखते हुए पुलिस बल को तैनात किया गया है। प्रशासनिक अधिकारियों ने दोनों पक्षों को समझाइश दी है। ताकि विवाद का निपटारा कराया जा सके।

गड़बड़ी के बाद भाई को सौंपी थी जिम्मेदारी
छत्तीसगढ़ के रायपुर में रहने वाले बुड़वा निवासी कृष्ण कुमार तिवारी वर्ष 2021 से लगातार भंडारे के लिए राशि भेजते थे। स्थानीय लोगों के अनुसार व्यवस्था में गड़बड़ी होने पर उन्होंने अपने भाई रामस्वरूप तिवारी को जिम्मेदारी सौंपी थी। आरोप है कि यह दूसरे पक्ष को नागवार गुजरा। मंदिर अपनी जमीन पर होने का दावा करते हुए विवाद शुरू हुआ। इसके बाद तनाव की स्थिति निर्मित हो गई थी। फिलहाल मामला शांत है। दोनों पक्ष अपना-अपना अधिकार जता रहे हैं।  

 

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