यूक्रेन की क्रीमिया पर है नजर, रूस की मजबूत स्थिति करेगी भविष्य की नीति तय
कीव
यूक्रेन रूस से छह माह से जारी लड़ाई को और भड़का सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने हाल ही में कहा है कि वो क्रीमिया समेत रूस द्वारा छीने गए अपने सभी इलाकों को अब उससे वापस लेगा। आपको बता दें कि वर्ष 2014 में रूस ने क्रीमिया को यूक्रेन से अलग कर अपने साथ मिला लिया था। क्रीमिया दरअसल, यूक्रेन की वो टीस है जिसको वो भूल नहीं सकता है। हालांकि राष्ट्रपति जेलेंस्की ने जो कहा है कि वो काफी दूर की कौड़ी है, लेकिन ये भी एक सच्चाई है कि ये युद्ध को और अधिक भड़का सकती है।
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपने एक वीडियो संबोधन में कहा है कि रूस ने लड़ाई क्रीमिया से शुरू की थी और अब खत्म भी वहीं होगी। यूक्रेन गलत तरीके से हासिल किए एग देश के हिस्से को अब वापस लेगा। उनका ये बयान ऐसे समय में आया जब क्रीमिया के पश्चिम में स्थित नोवफेडोरिव्का के पास रूसी एयरबेस पर जबरदस्त धमाके में उसके कुछ लोग घायल हुए थे और एक कर्मचारी की मौत भी हो गई थी। इसी वर्ष अप्रैल में रूस के वारशिप को काला सागर में डूबने के बाद ये धमाका कई सवाल खड़े करता है। हालांकि क्रीमिया में हुए धमाके को खुद रूस ने यूक्रेन का हमला नहीं माना है।
क्रीमिया को लेकर यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेजनिकोव ने भी जून में एक इंटरव्यू के दौरान बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि वो अपने खोए हुए सभी इलाकों को रूस से आजाद करवाने जा रहे हैं। रूस के लिए भी इसके कई खास मायने हैं। 18वीं और 19वीं सदी के जार शासकों ने यहां पर रूस के लोगों को बसाया था। बाद में स्टालिन ने भी यही नीति जारी रखी थी। 1954 में इसको यूक्रेन को सौंप दिया गया था। सोवियत संघ के विघटन के बाद क्रीमिया आधिकारिक रूप से यूक्रेन का हिस्सा बन गया था।
बता दें कि क्रीमिया में रूस का नेवल फ्लीट और नेवल बेस है। पहले ये पोर्ट यूक्रेन से लीज पर लिया गया था, लेकिन बाद में यूक्रेन ने इस पर आपत्ति जतानी शुरू कर दी थी। 2014 के बाद से ही रूस को क्रीमिया और सेवास्तोपोल के नाटो के हाथों में जाने का डर सता रहा था। रूस क्रीमिया और डोनबास के बीच से एक गलियारा बनाना चाहता है। इन इलाकों में अपनी स्थिति को मजबूत कर रूस काला सागर में यूक्रेन के पोर्ट ओडेसा तक अपना दम दिखाने की स्थिति में होगा।