अगले 48 घंटे में यमुना के जलस्तर में होगी बढ़ोतरी, हरियाणा ने हथिनीकुंड बैराज से फिर छोड़ा पानी
नई दिल्ली
दिल्ली में फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। राजधानी में यमुना नदी में पानी फिर से बढ़ने लगा है। रविवार सुबह यमुना नदी का जलस्तर 205.75 मीटर दर्ज किया गया। बाढ़ के खतरे की आशंका को देखते हुए पहले से ही परेशानी झेल रहे बाढ़ प्रभावित लोग रिंग रोड के राहत शिविर में शरण ले रहे हैं। हथिनीकुंड बैराज से 2 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण यमुना नदी में जल के स्तर में बढ़ोतरी जारी है। इसके बाद से दिल्ली सरकार हाई अलर्ट पर है।
2.51 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा
हरियाणा के यमुनानगर जिले के दादूपुर में जल सेवा प्रभाग में तैनात अधिकारियों ने बैराज से 2.51 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ने की पुष्टि की है। इंजीनियरों को पूर्वी और पश्चिमी यमुना नहरों का प्रवाह बंद करना पड़ा। यह दोनों नहरें क्रमशः उत्तर प्रदेश और हरियाणा तक जाती हैं। इसके बादपूरे प्रवाह को मुख्य नदी धारा की ओर निर्देशित कर दिया। सुपरिटेंडिंग इंजीनियर रवि मित्तल ने कहा कि शनिवार सुबह रिलीज दर बढ़कर 2.51 लाख क्यूसेक हो गई थी। दोपहर 3 बजे तक पानी का बहाव 2.3 लाख क्यूसेक से ऊपर था। उन्होंने कहा कि हमें सुबह नहरों को बंद करना पड़ा। नियम हमें एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी देना जारी रखने की अनुमति नहीं देते हैं।
केंद्रीय जल आयोग के ताजा अपडेट के मुताबिक, संभावना है कि रविवार शाम तक यमुना नदी खतरे के निशान को पार कर सकती है। ऐसी स्थिति में उत्पन्न संभावित जोखिमों और चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार घटनाक्रम की बारीकी से निगरानी कर रही है।
आतिशी, मंत्री, दिल्ली सरकार
फिर से बाढ़ का खतरा
अगर नदी का जलस्तर 206.7 तक बढ़ गया तो यमुना खादर में बाढ़ आ सकती है। लगातार बढ़ते जल स्तर ने चिंता बढ़ा दी है। इसके बाद सरकार दिल्लीवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है। सरकार का कहना है कि लोगों को सम्मानजनक तरीके से ठहराने और समर्थन देने के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं की गई हैं। दिल्ली सरकार जनता से अपील करती है कि इस महत्वपूर्ण समय में सतर्क रहें और अधिकारियों के साथ सहयोग करें। निवासियों को उभरती स्थिति के बारे में सूचित रखने के लिए नियमित रूप से अपडेट और सलाह प्रदान की जाएगी।
फिर बारिश हुई तो क्या होगा?
दिल्ली के ऊपरी हिस्सों में भारी बारिश होने की स्थिति में, जल स्तर में वृद्धि से राजधानी के बाढ़ग्रस्त निचले इलाकों में प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की गति धीमी हो सकती है। साथ ही उन्हें लंबे समय तक राहत शिविरों में रहना पड़ सकता है। बारिश से शहर में पानी की आपूर्ति पर भी पड़ सकता है। वजीराबाद में एक पंप हाउस में पानी भर जाने के कारण चार से पांच दिनों तक स्थिति प्रभावित हुई थी। यह पंप हाउस वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला जल उपचार संयंत्रों को कच्चे पानी की सप्लाई करता है। यह शहर की सप्लाई का लगभग 25 प्रतिशत है।
45 साल का रिकॉर्ड टूटा था
यमुना नदी ने 45 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया था। नदी में पानी अपने उच्चतम स्तर 208.65 मीटर पर पहुंच गया था। पिछले शुक्रवार को यह 208.35 मीटर पर बह रही थी। दिल्ली में बाढ़ के परिणामस्वरूप कई निचले इलाके जलमग्न हो गए थे। कई सड़कों पर पानी भर गया था। हालांकि, अब स्थिति में सुधार हो रहा है। नदी के पास की सड़कों पर ट्रैफिक फिर से शुरू हो गया है। जलजमाव वाले इलाकों में पानी कम हो गया है। हालांकि, ताजा अलर्ट के साथ लोगों और संबंधित अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा गया है।