ज्ञानवापी के सर्वे पर रोक लगाने सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मुस्लिम पक्ष
वाराणसी
ज्ञानवापी सर्वे का मुद्दा एक बार फिर से सुर्खियों में है। वाराणसी जिला अदालत ने वजूखाने को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का सर्वे का आदेश जारी किया है। यह सर्वे एएसआई को 4 अगस्त तक पूरा करना है। अब इस मामले को लेकर मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने 1991 के एक मामले को लेकर आधार बनाया है। ज्ञानवापी के मामले को लेकर 1991के मामले में वाराणसी के तत्कालीन जज आशुतोष तिवारी ने सर्वे का आदेश जारी किया था जिस पर हाईकोर्ट से रोक लगी हुई है।
मुस्लिम पक्ष पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली अंशुमन इंतेजामिया मसाजिद के महासचिव यासीन ने एनबीटी ऑनलाइन को बताया कि इसी पूरे परिसर के सर्वे का आदेश 9-9 -2022 को वाराणसी के जिला जज आशुतोष तिवारी ने दिया था। जिसके खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सर्वे के आदेश पर रोक लगा रखी है । हाई कोर्ट में इस मामले पर नियमित सुनवाई सर्वे के आदेश को लेकर हो रहा है ऐसे में इसी परिसर को लेकर दोबारा सर्वे का आदेश कैसे दिया जा सकता है। जबकि इलाहाबाद हाईकोर्ट में 1991 में दायर मुकदमे 610/ 91 के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सर्वे के आदेश पर रोक लगाई है।
सीजेआई के सामने उठाएंगे अवमानना का मुद्दा
इंतेजामिया कमेटी के महासचिव यासीन ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार इसी परिसर के अंदर स्थित वजूद खाने को एरिया को सील किया गया है ऐसे में इस पूरे परिसर पर किसी तरीके का कोई आदेश पारित करना कोर्ट की अवमानना है। इतना ही नही इसी परिसर में सर्वे को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट से भी रोक लगी है तो ऐसे में जिला अदालत सर्वे का आदेश कैसे दे सकता है ये हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों की अवमानना है । सुप्रीम कोर्ट में हमारे दो वकील हुजैफा अहमदी और हुज़ैल अयूबी ने एसएलपी दाखिल की है।इस मामले को हमने सीजेआई के अदालत में सुनवाई करने के लिए याचिका दी है । सर्वे के आदेश के खिलाफ हमारी याचिका एसएलपी के साथ क्लब कर दी गयी है और अब चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ इस मामले पर सोमवार को सुनवाई करेंगे।
क्या है मामला 1991 का
ज्ञानवापी परिसर पर स्वामित्व को लेकर विश्वनाथ मंदिर के पुजारी सोमनाथ व्यास,हरिहर पांडेय और रंगनाथ शर्मा ने वाराणसी की अदालत में वाद संख्या 610/91 दाखिल किया था इसी मामले पर 9-9- 2022 को जज आशुतोष तिवारी ने परिसर के सर्वे का आदेश दिया था जिसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट गया जहां से सर्वे के आदेश पर रोक लगा दी गई । अब इसी मामले को आधार बना कर सर्वे को रोकने के लिए मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।