गरियाबंद की इंद्राणी साहू ने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में मोर सपना के छत्तीसगढ़ शीर्षक से कविता सुनाई
रायपुर
गरियाबंद की इंद्राणी साहू ने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में मोर सपना के छत्तीसगढ़ शीर्षक से कविता सुनाई।
मोर छत्तीसगढ़ के माटी म
सोना मैं उपजाहूं
मोर छत्तीसगढ़ ल छोड़के
संगी मैं कहूँ नई जाहूं
इंद्राणी ने अपनी कविता में छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा, योजनाओं को प्रतिबिंबित किया है।
हमर कका छत्तीसगढ़ के
मान ल बढ़ाइस हे
श्रीराम के ननिहाल ल
सुघ्घर सजाइस हे