रिलायंस इंडस्ट्रीज के नतीजों के बाद शेयर खरीदें, बेचें या होल्ड करें, देखें नया टारगेट
नई दिल्ली
कमजोर तिमाही नतीजों के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) को लेकर कुछ ब्रोकरेज ने स्टॉक को 'होल्ड' कर दिया है। एमके ग्लोबल ने स्टॉक पर 2,660 रुपये के लक्ष्य का सुझाव देते हुए कहा, " हाल ही में स्टॉक में तेजी (जेएफएस डीमर्जर के साथ) और रेंजबाउंड बिजनेस आउटलुक के कारण, हमने आरआईएल को होल्ड करने के लिए डाउनग्रेड कर दिया है।" शुक्रवार को यह स्टॉक 2.48 फीसद लुढ़ककर 2555 रुपये पर बंद हुआ था।
दूसरी ओर ब्रोकरेज फर्म सिस्टेमैटिक्स इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने अपने टारगेट प्राइस को पहले के 2,766 रुपये से घटाकर 2,550 रुपये कर दिया है। जबकि, बीएंडके सिक्योरिटीज ने स्टॉक पर 2,841 रुपये के टारगेट दिया है। मैक्वेरी स्टॉक को 2,100 रुपये पर दे रहा है तो सिटी ने शेयर पर 2,750 रुपये का लक्ष्य सुझाया है। जेफरीज को यह स्टॉक 2,935 रुपये के स्तर पर जाता हुआ दिख रहा है।
एमके ग्लोबल ने कहा कि आरआईएल ने वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही के कंसॉलिडेटेड एबिटा में 2 फीसद की मामूली कमी दर्ज की, जिसका मुख्य कारण तेल-से-रसायन सेगमेंट में कमजोरी है, जो आंशिक रूप से रिलायंस रिटेल और अपस्ट्रीम कारोबार में 2-4 फीसद की गिरावट से ऑफसेट है, जिसमें रिलायंस जियो के आंकड़े इन-लाइन हैं। सिस्टेमैटिक्स इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कहा कि आरआईएल का जून तिमाही का राजस्व और एबिटा उम्मीदों के अनुरूप था, जबकि अन्य आय उम्मीद से अधिक होने के कारण कर पश्चात लाभ अनुमान से थोड़ा ऊपर था।
निकट अवधि में दबाव में रह सकता है स्टॉक
बीएंडके सिक्योरिटीज ने कहा कि वित्तीय सेवा कारोबार के डी-मर्जर के आधार पर आरआईएल के स्टॉक में पिछले एक महीने में 12 फीसद की अच्छी तेजी आई है, लेकिन अब शेयर की कीमत निकट अवधि में दबाव में रह सकती है। हालांकि, कुछ ब्रोकरेज ने स्टॉक पर अपना विश्वास बनाए रखा और ऐसे लक्ष्य सुझाए जो 15-20 प्रतिशत की संभावित बढ़त का संकेत देते हैं। शेयरखान ने आरआईएल पर अपनी 'Buy' रेटिंग बरकरार रखी है।
कैसे रहे रिलांयस के नतीजे: जून तिमाही के लिए आरआईएल ने 18,258 करोड़ रुपये का कंसॉलिडेटेड शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले साल की इसी तिमाही के 19,443 करोड़ रुपये से साल-दर-साल 6.09 प्रतिशत कम है। लाभ 17,955 करोड़ रुपये के मुकाबले 16,011 करोड़ रुपये रहा, जो सालाना आधार पर 10.82 प्रतिशत कम है। विश्लेषकों को मोटे तौर पर मुनाफ़े में 8 प्रतिशत से 17 प्रतिशत के बीच गिरावट की उम्मीद थी।