September 27, 2024

पसमांदा महाज के सहारे UCC की गलतफहमियों को दूर करने में जुटी बीजेपी, कई राज्यों में होगा कार्यक्रम

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यूपी

देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। बीजेपी 2024 में होने वाले चुनाव से पहले पसमांदा समाज को लुभाने में जुटी हुई है। खासतौर से देश के विभिन्न हिस्सों में मुस्लिम समुदाय द्वारा समान नागरिक संहिता (UCC) के खिलाफ विरोध को देखते हुए भाजपा से जुड़े "पसमांदा" (पिछड़े) मुस्लिम संगठन राष्ट्रवादी मुस्लिम पसमांदा महाज़ ने गलतफहमियों की दूर करने की कवायद शुरू कर दी है। बीजेपी यूसीसी के बारे में "गलतफहमियों" को "दूर" करने की कवायद के तहत ही लखनऊ में रविार को एक सम्मेलन आयोजित किया था।

राष्ट्रवादी मुस्लिम पसमांदा महाज़ की बैठक में बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता और यूपी के मंत्री शामिल हुए। सम्मेलन के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा थे, जो भाजपा के केंद्रीय संसदीय बोर्ड के साथ-साथ इसकी केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य भी हैं। पसमांदा सम्मेलन में मंच पर दिखी बीजेपी नेताओं की तस्वीरें मंच पर यूपी के अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री दानिश आज़ाद अंसारी, कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख और यूपी विधान परिषद में भाजपा के सदस्य विद्या सागर सोनकर भी उपस्थित थे। मंच पर लगे बैनर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी के साथ ही लालपुरा, दानिश और सोनकर की भी तस्वीरें थीं।

महाज़ के यूपी प्रभारी फैसल मंसूरी कहते हैं कि, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और कई मुस्लिम मौलवी और AIMPLB के सदस्य जैसे नेता बिना पढ़े यूसीसी के बारे में मुस्लिम समुदाय में "गलतफहमियां" फैला रहे हैं। सम्मेलन में एक प्रस्ताव पारित किया गया कि यूसीसी मुस्लिम समुदाय के हित में है। आने वाले दिनों में दिल्ली, झारखंड, असम, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, पंजाब और हैदराबाद में ऐसे सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। बीजेपी ने पसमांदा समाज के लिए बहुत किया मंसूरी ने दावा किया कि भाजपा ने महाज़ को इस तरह का सम्मेलन आयोजित करने के लिए नहीं कहा था। मंसूरी कहते हैं कि, यह एक सच्चाई है कि भाजपा सरकार, आयोगों और अन्य संस्थानों में मुसलमानों को प्रतिनिधित्व दे रही है। यूपी में बीजेपी के दो पसमांदा मुस्लिम एमएलसी हैं। यह समुदाय को बहुत अधिक दे रहा है, भले ही उसे उनके वोट न मिल रहे हों। यदि समुदाय भाजपा को वोट देता है तो पार्टी उन्हें चुनाव में टिकट देगी।"
 

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