September 27, 2024

टॉपर को नहीं मिला LLM में एडमिशन BALLB के फिसड्डी मेरिट में काबिज

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भोपाल

उच्च शिक्षा विभाग वर्तमान सत्र 2023-24 में प्रवेश प्रक्रिया आनलाइन संचालित कर रहा है। विभाग बार काउंसिल आॅफ इंडिया (बीसीआई) के कोर्स में प्रवेश करा रहा है। स्टेट लॉ कॉलेज में एलएलबी टॉपर को प्रवेश नहीं मिल सका है, लेकिन बीएएलएलबी के फिसड्डियों को मेरिट सूची में काबिज में प्रवेश दे दिया गया है। इससे एलएलबी के विद्यार्थियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। जबकि वह एलएलएल में प्रवेश लेने के लिए छह साल की पढ़ाई पूर्ण करने के बाद पहुंचे हैं।
 
स्टेट लॉ कॉलेज की एलएलएम की 30 सीटों पर प्रवेश लेने के  लिए काफी होड़ लगी हुई है। 30 सीटों पर बीएएलएलबी के अधिकतम विद्यार्थियों ने कब्जा जमा हुआ है। जबकि एलएलबी करने के बाद विद्यार्थियों को प्रवेश से बाहर कर दिया गया है। इसकी वजह बीएएलएलबी का कोर्स पांच साल का होना बताया गया है। क्योंकि बीएएलएलबी की डिग्री में विद्यार्थियों के पांच साल के अंक शामिल होते हैं। जबकि एलएलबी के विद्यार्थी के तीन साल के अंक होते हैं। इससे वे मेरिट सूची से बाहर हो जाते हैं। यहां तक एलएलबी टॉपर तक को स्टेट लॉ कॉलेज की एलएलएम की सीट पर प्रवेश नहीं मिल सका था। जबकि बीएएलएलबी के तृतीय श्रेणी में पास विद्यार्थी एलएलएम में दाखिला ले चुका है।

6 पर 5 साल भारी
बीएएलएलबी की डिग्री पांच साल और एलएलबी की डिग्री तीन साल की होती है। बीएएलएलबी में प्रवेश 12वीं के आधार पर दिया जाता है। जबकि एलएलबी में यूजी की तीन साल की डिग्री करने के बाद दिया जाता है। इससे एलएलबी करने वाला विद्यार्थी छह साल की पढ़ाई करने के बाद बाद एलएलएम तक पहुंचता है। बीएएलएलबी का विद्यार्थी सिर्फ पांच साल के अंकों के आधार पर एलएलएम में प्रवेश लेता है।

शिक्षाविदों के अनुसार: ऐसी होना चाहिए व्यवस्था
शिक्षाविदों का कहना है कि उच्च शिक्षा विभाग को एलएलएम में प्रवेश कराने के लिए बीएएलएलबी और एलएलबी के बीच 50-50 फीसदी के हिसाब से सीटों का आवंटन कर देना चाहिए। ऐसा नहीं करते हैं, तो एलएलबी वाले विद्यार्थी के साथ उसकी यूजी के प्राप्तांक को शामिल कर मेरिट तैयार करना चाहिए। इससे एलएलबी उत्तीर्ण विद्यार्थी भी एलएलएम में योग्यता के हिसाब से प्रवेश ले पाएंगे।

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