संत शिरोमणि सद्गुरू रविदास जी के भव्य मंदिर निर्माण के लिये समरसता यात्रा 25 जुलाई से
मुख्यमंत्री चौहान सिंगरौली जिले के बैढ़न से करेंगे शुभारंभ
नीमच, मांडव-धार, श्योपुर, बालाघाट और सिंगरौली से पाँच यात्राएँ निकलेंगी
सभी यात्राएँ 12 अगस्त को सागर पहुँचेंगी
सागर में 12 अगस्त को संत शिरोमणि रविदास जी के भव्य मंदिर का होगा शिलान्यास
भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान संत शिरोमणि सदगुरू रविदास जी के सागर में मंदिर निर्माण के लिए पूरे प्रदेश में निकाली जाने वाली समरसता यात्रा का शुभारंभ सिंगरौली जिले के बैढ़न से 25 जुलाई को करेंगे। वे सायंकाल रामलीला मैदान बैढ़न से संत रविदास यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। संत रविदास समरसता यात्रा सिंगरौली, सीधी, रीवा सतना, पन्ना, दमोह जिलों का भ्रमण करते हुए 12 अगस्त को सागर में संपन्न होगी। इसके माध्यम से संत रविदास जी के सामाजिक समरसता के संदेश को जन-जन तक पहुँचाया जाएगा।
सागर के पास बड़तूमा में 100 करोड़ रूपए की लागत से संत शिरोमणि सदगुरू रविदास जी का विशाल और भव्य मंदिर बनाया जाएगा। मंदिर निर्माण के लिये समरसता यात्राएँ 25 जुलाई, 2023 प्रारम्भ हो रही है। पाँचों यात्रा दल 11 अगस्त 2023 की रात्रि तक सागर में एकत्रित होंगे। सभी यात्राएँ 12 अगस्त, 2023 तक हर गाँव से मिट्टी एवं सभी विकासखण्डों की 313 नदियों से जल का सांकेतिक संग्रहण एवं जन-जागरण करते हुए सागर पहुँचेंगी। स्थान-स्थान पर जनं-संवाद होंगे। सागर में 12 अगस्त 2023 को मंदिर निर्माण की स्थापना के शिलान्यास एवं वृहद स्तर पर जनसंवाद कार्यक्रम होगा।
यात्रा रूट
यात्रा दल पाँच स्थानों से प्रारंभ होकर सागर पहुँचेंगा। पहली यात्रा का प्रारंभ जावद जिला नीमच से होगा। इस यात्रा में जावद-नीमच-मंदसौर-रतलाम-उज्जैन-आगर-मालवा-शाजापुर-सारंगपुर (राजगढ़) -देवास-सीहोर-भोपाल-रायसेन-सागर कुल 11 जिले शामिल रहेंगे। यात्रा के दौरान जनसंवाद कार्यक्रम में प्रमुख रूप से महामंडेलश्वर सुरेशानंद जी शास्त्री, हरिओम शरणदास जी महाराज, पं. प्रसन्न राघव शास्त्री, पं. मिथलेश जी मेहता, सीता बहनजी, भीमाशंकर जी शास्त्री, आर्चाय देवेन्द्र शर्मा, दशरथ भाई जी, निर्मल जी चैतन्य आश्रम, जितेन्द्र जी महाराज, शंभु महाराज जी, संत चेनसिंह भगत जी, संत मोडीराम मईडा जी, संत कालुराम जी निनामा, संत विष्णु प्रसाद शर्मा जी, संत आचार्य शेखर जी, संत उमेश नाथ जी, संत 1008 रामेश्वर दास जी, संत 1008 हरिहरानंद जी, संत 1008 सांदीपेन्द्र जी, संत 108 हनुमान दास जी, संत 1008 रघुनाथ दास जी, संत नरेन्द्र जी, संत स्वामी कृष्णकान्त दुबे जी, संत स्वामी दिनेश शर्मा जी, संत विजय दास बैरागी जी, संत स्वामी सुभाष जी, संत स्वामी बद्रीदास जी, संत स्वामी कृष्णशरण जी, सुकृष्णा माँ दीदी, संत बजरंग गिरि जी, संत बाबा आनंदभुवन जी, संत मणीदास जी, संत कमलानंद जी, संत नंदकिशोर देवलिया जी सहित संत जन-प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसके अलावा जिले के प्रभारी मंत्री, सासंद, विधायक एवं अन्य जन-प्रतिनिधि शामिल होंगे।
दूसरी यात्रा मांडव जिला धार से शुरू होगी। यह दस जिलों से गुजरती हुई सागर पहुँचेगी। यात्रा मांडव-धार-बड़वानी-खरगोन-बुरहानपुर-खण्डवा-इन्दौर-हरदा-बैतूल-नर्मदापुरम्- भोपाल बायपास-विदिशा-सागर। यात्रा के दौरान जनसंवाद कार्यक्रम में प्रमुख रूप से संत महामण्डलेश्वर नरसिंहदास जी, संत महेन्द्र महाजन जी, संत हनुमानदास जी, संत लालजी बाबा, संत पुष्कर आनंद जी, संत नर्मदानंदी, संत सत्यदेव जी, संत मुन्नालाल शास्त्री जी, संत केशवदास शास्त्री जी सहित अन्य संत शामिल होंगे। इसके अलावा जिले के प्रभारी मंत्री, सासंद, विधायक एवं अन्य जन-प्रतिनिधि शामिल होंगे।
तीसरी यात्रा श्योपुर से शुरू होगी। यह 9 जिलों श्योपुर-मुरैना-भिण्ड-दतिया-ग्वालियर-शिवपुरी-गुना-अशोकनगर-बीना-खुरई-सागर से गुजरेगी। यात्रा के दौरान जनसंवाद कार्यक्रम में प्रमुख रूप से संत 1008 बालीजी मंदिर मंहत, संत गुप्तेश्वर मंदिर मंहत, संत रामदेव बाबा मंदिर मंहत, संत देवकीनंदन पालीवाल जी, संत 1008 सिरोनी हनुमानजी मंदिर महाराज, संत 1008 छिमाछमा मंदिर मंहत व्ही.के. शर्मा जी, संत रामदास जाटव जी, संत प्रहलाद दास जी, संत मुन्नालाल जी, संत सतीश शास्त्री जी, संत जितेन्द्र शर्मा जी, संत रामलखन जी, संत हरिमोहन पंडित जी, संत मथुरा प्रसाद पुजारी जी, संत गंगा नंद रामशंकर पुजारी जी, संत सीताराम बाबा, संत रामलाल किदुआ जी, संत रूद्र चेतन पुरी जी, संत पूरनदास जी, संत रामलखन दास जी, संत राजूगिरी जी, संत 1008 परमहंस माघवानन्द जी, संत शिवेश गिरि जी, संत पंडित चेतन जी, संत रामगिरि जी, संत सियारामदास जी, संत शिरोमणि मल्हारगढ़ मंदिर युवराज जी सहित अन्य संत शामिल होंगे। इसके अलावा जिले के प्रभारी मंत्री, सासंद, विधायक एवं अन्य जन-प्रतिनिधि शामिल होंगे।
चौथी यात्रा बालाघाट से शुरू होगी। यह सात जिलों – बालाघाट-सिवनी-छिन्दवाड़ा-नरसिंहपुर-जबलपुर-कटनी-दमोह से होकर सागर पहुँचेगी। यात्रा के दौरान जनसंवाद कार्यक्रम में प्रमुख रूप से पंडित रमेश दुबे, स्वामी नागेन्द्र स्वामी, संत वासुदेवानंद जी महाराज, संत नाना भाउ मोहोड़, स्वामी अमृतानंद जी, महात्यागी महाराज स्वामी मानदानंद जी, संत योगी नाथ जी, बाबाजी सीताराम जी महाराज, स्वामी बृजेन्द्र सरस्वती जी, मंहत बालक दास जी, स्वामी अड़गड़ानंद जी, पूजनीय मौसी जी, संत नेपाली बाबा जी, स्वामी नित्यानंद जी सहित अन्य संत शामिल होंगे। इसके अलावा जिले के प्रभारी मंत्री, सांसद, विधायक एवं जन-प्रतिनिधि शामिल होंगे।
पाँचवीं यात्रा सिंगरौली से शुरू होकर 8 जिलों सिंगरौली-सीधी-रीवा-सतना-पन्ना-छतरपुर-निवाड़ी- टीकमगढ़ से गुजरकर सागर पहुँचेगी। यात्रा के दौरान जनसंवाद कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉ. एन.पी. मिश्रा, राधेश्याम पंडित, देवनारायण द्विवेदी, महेश द्विवेदी, रामदास महाराज, हरिदर्शन महाराज, मोहन दास, हरिहर संत, संत रामदेव जी रविदासिया, संत रामधनी, संत रामपाल जी महाराज, संत शंकरलाल जी सहित अन्य संत शामिल होंगे। इसके अलावा जिले के प्रभारी मंत्री, सांसद, विधायक एवं अन्य जन-प्रतिनिधि शामिल होंगे।
यात्रा का उद्देश्य
भारत की सांस्कृतिक, धार्मिक एवं आध्यात्मिक एकता में सदगुरु रविदास महाराज के अखंड योगदान एवं उनके दर्शन, शिक्षा और संदेशों का प्रस्तुतिकरण करना।
रविदास महाराज द्वारा समाज-सुधार के लिए दिए गए संदेशों के माध्यम से समाज में जन-जागरण।
सागर में मंदिर के निर्माण के लिए प्रदेश के हर गाँव से मिट्टी एवं सभी विकासखण्डों की 313 नदियों से जल का सांकेतिक संग्रहण।
सागर जिले को संत रविदास मंदिर एवं कला संग्रहालय के रूप में विकसित करना।
यात्रा की रूपरेखा
यात्रा मार्ग के हर गाँव से मिट्टी एवं सभी विकासखण्डों की 313 नदियों से जल का सांकेतिक संग्रहण एवं जन-जागरण अभियान के आयोजन के लिये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय आयोजन समिति, तीर्थ एवं मेला प्राधिकरण की अध्यक्षता में कार्यकारी समिति तथा यात्राओं के जिलों के मार्ग प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में जिला स्तरीय आयोजन समिति गठित की गई।
- चयनित पॉंचों यात्रा मार्गों के लिए समन्वयक रूट प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। प्रत्येक यात्रा दल का नेतृत्व वरिष्ठ समाज सेवियों द्वारा किया जायेगा।
- पाँच यात्रा दलों के द्वारा प्रतिदिन 2 जनसंवाद का आयोजन किया जायेगा।
- यात्रा के 18 दिवस में 180 जनसंवादों का आयोजन होगा।
- जनसंवाद में लगभग 5000 प्रतिभागियों की सहभागिता होगी।
- जनसंवाद के दौरान सदगुरू रविदास महाराज के जीवन-वृतांत पर जानकारी दी जाएगी।
- आमजन से सांकेतिक रूप में मिट्टी एवं जल संग्रहण आहवान।
- यात्रा के दौरान सदगुरू रविदास महाराज पर केन्द्रित एवं उनके द्वारा रचित पद एवं गीत और संदेशों का उपयोग।
- यात्रा के दौरान ध्वज का उपयोग किया जायेगा।
- यात्रा के दौरान एवं रात्रि विश्राम के समय सदगुरू रविदास महाराज पर निर्मित फिल्म का प्रदर्शन होगा।