मणिपुर वायरल वीडियो मामले में 14 की हो चुकी पहचान, सातवां आरोपी गिरफ्तार
इंफाल
मणिपुर में भीड़ द्वारा कुकी-जोमी समुदाय की दो महिलाओं को नग्न अवस्था में सड़क पर घुमाए जाने वाले वीभत्स वीडियो के संबंध में पुलिस ने सातवें आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। अब तक 14 लोगों की पहचान हो पाई है। आरोपी को सोमवार को थौबल जिले से गिरफ्तार किया गया। दोनों महिलाओं के वीडियो की देश भर में निंदा की जा रही है। मणिपुर के एक आदिवासी संगठन का यह भी आरोप है कि भीड़ का शिकार हुई दोनों महिलाओं से से एक के साथ खेत में सामूहिक बलात्कार भी किया गया था।
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) का आरोप है कि यह घटना 4 मई को राज्य की राजधानी इंफाल से 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में हुई। हालांकि, कांगपोकपी में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज होने के बावजूद, पुलिस का कहना है कि घटना एक अलग जिले में हुई थी। घटना का 26 सेकंड का वीडियो ऑनलाइन सामने आने के अगले ही दिन 20 जुलाई को पुलिस ने पहली गिरफ्तारी की। उस दिन बाद में तीन और गिरफ़्तारियां की गईं। पुलिस ने कहा कि शनिवार को गिरफ्तार किया गया पांचवां आरोपी गिरफ्तार किया गया, जबकि मामले में छठा आरोपी नाबालिग है।
मैतई-कुकी समुदाय में नहीं थमी हिंसा
यह भयावह घटना मणिपुर में मैतेई और कुकी जनजातियों के बीच अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के बाद भड़की हिंसा के एक दिन बाद हुई थी। इसके अलावा 4 मई को ही बीजेपी विधायक को करंट देकर जान से मारने की कोशिश की गई। उनकी दो महीनों से दिल्ली में इलाज चल रहा है। 28 मई को स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी को जिंदा जलाकर मार डाला गया। पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा में 140 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और 50 हजार से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं।
सदन में नहीं थम रहा हंगामा
एक तरफ मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। दूसरी तरफ मणिपुर मुद्दे पर सदन की कार्यवाही में हंगामा तीसरे दिन भी जारी रहा। विपक्षी सांसदों का एक समूह संसद भवन में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना दे रहा है और मांग कर रहा है कि सरकार राज्य में जातीय संघर्ष पर बहस की अनुमति दे। बीते गुरुवार को मॉनसून सत्र शुरू होने के बाद से विपक्षी नेता मणिपुर मुद्दे पर बिना किसी समय की बाधा के स्वतंत्र और निर्बाध बहस की मांग कर रहे हैं। उधर, विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए भाजपा ने दावा किया कि विपक्ष मणिपुर पर बहस से बच रहा है और अन्य राज्यों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर उनकी "गंभीर चुप्पी" की आलोचना की।